Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

क्वार्टर फाइनल का 'हाई क्लास ड्रामा'

- सीमान्त सुवीर

हमें फॉलो करें क्वार्टर फाइनल का 'हाई क्लास ड्रामा'
FILE
जो बात आप सब सोच रहे हैं, वही बात मेरे जेहन में भी तैर रही है कि क्या वाकई 2 बार विश्वकप की विजेता टीम वेस्टइंडीज को पाकिस्तान की टीम 10 विकेटों से रौंदकर इतनी सहजता से सेमीफाइनल में पहुँच सकती है? क्या जो बातें 'टाइम्स ऑफ इंडिया' जैसे प्रतिष्ठित और विश्वसनीय अखबार में 'फिक्सिंग' को लेकर छप रही हैं, उनमें सच्चाई है?

वेस्टइंडीज ने जिस तरह ढाका के मीरपुर में हथियार डाले, उसने ये तो सोचने पर मजबूर कर ही दिया है कि कहीं न कहीं गड़बड़ चल रही है, भले ही आईसीसी के आका इससे इत्तफाक नहीं रखें। मैदान पर खेल कोई रहा है और बाहर से बैठकर खिला कोई और रहा है।

क्रिकेट के मैदान में हार-जीत होना स्वाभाविक है लेकिन विश्वकप के क्वार्टर फाइनल जैसे मुकाबले का एकतरफा होना और वेस्टइंडीज का निहायत ही घटिया प्रदर्शन करना 'फिक्सिंग' जैसी संभावनाओं को और पुख्ता बनाने के लिए काफी है। चेन्नई में जो टीम दो दिन पहले भारत जैसी ताकतवर टीम को जीत के लिए संघर्ष करवा सकती है, वही टीम एकाएक पाकिस्तान के सामने आत्मसमर्पण करती है। इसके क्या मायने निकाले जाएँ?

11 बरस पहले क्रिकेट बिरादरी के सामने क्रिकेट मैच फिक्सिंग का भंडाफोड़ हुआ और कई बड़े नामों के इसमें शामिल होने के सबूत सामने आए तो भद्रजनों का यह खेल अभद्र हो गया और इस खेल को दिल से प्यार करने वालों का भरोसा इस खेल से उठ गया था। गाहे-बगाहे मैच फिक्सिंग में शामिल क्रिकेटर सजा पाते रहे। कई बार तो अच्छे और रोमांचक मैचों को भी शंका से देखा गया और जहाँ भी बडी टीम हारी, वहीं पर जुबाँ पर 'फिक्सिंग' का नाम आना आम हो गया।

विश्वकप के मुकाबले भी इससे अछूते नहीं रह रहे हैं, ये आप खिलाड़ियों की बॉडीलेंग्वेज को देखकर और उसके प्रदर्शन को तौलकर देख सकते हैं। यूँ तो वेस्टइंडीज इस विश्वकप के क्वार्टर फाइनल की होड़ में थी ही नहीं। दूसरी टीमों के प्रदर्शन ने उसे यहाँ तक पहुँचाया लेकिन यहाँ पर उसने अपने सीने पर जो हार झेली, उससे कहीं न कहीं लॉयड, विव रिचर्ड्‍स, गार्डन ग्रिनीज, राय फ्रेडरिक को बहुत दु:ख पहुँचाया होगा, जिन्होंने इस टीम को बहुत ऊँचाई प्रदान की थी।

इस मैच से पहले डेवान स्मिथ ने 6 मैचों में एक शतक के सहारे 293 और गेंदबाज केमार रोच हैट्रिक समेत 13 विकेट ले चुके थे लेकिन पाक के खिलाफ स्मिथ ने 7 रन बनाए जबकि रोच को एक भी विकेट नहीं मिला। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने वाली वेस्टइंडीज ने 28 ओवर के भीतर ही 71 के कुल स्कोर पर अपने 8 विकेट गँवा दिए थे लेकिन चन्द्रपाल नाबाद 44 रन बनाकर स्कोर को 112 तक ले गए।

अफरीदी की फिरकी का जादू एक बार फिर चला और वे 4 विकेट लेने के साथ ही इस विश्वकप में अपने विकेटों की संख्या 21 तक पहुँचाने में सफल रहे। जीत के लिए 113 रन पाक की सलामी जोड़ी (कामरान अकमल 47, मोहम्मद हफीज 61) ने ही बना डाले। वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों ने विकेट थ्रो किए तो गेंदबाजों ने दान‍वीरता दिखाते हुए ऐसी गेंदबाजी की जैसे वे पाक को जल्दी से जल्दी लक्ष्य तक पहुँचाने में मदद करना चाहते थे। पोलार्ड जैसा फील्डर भी हाथ के कैच को छोड़ दे तो आप उसे क्या कहेंगे?

इस मैच में पाकिस्तान आसानी से नहीं जीता बल्कि वेस्टइंडीज ने आमंत्रण दिया कि आइए और हमें बुरी तरह परास्त कीजिए क्योंकि हम तो शुरु से ही कहीं होड़ में नहीं थे। क्वार्टर फाइनल खेलना ही हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। इस हार से किसे क्या मिलेगा ये तो नहीं मालूम लेकिन इस मैच से क्रिकेट मैचों को फिर से शंका की नजर से देखा जाएगा।

फिलहाल क्रिकेट प्रेमी इस पाकिस्तान-वेस्टइंडीमैच से कहीं ज्यादा मोहाली में भारत-पाकिस्तान की टक्कर (30 मार्च) के बारे में सोच रहे हैं और ये मान रहे कि क्रिकेट का यह 'हाईवोल्टेज' मुकाबला जरूर होकर रहेगा। सट्‍टेबाज भी तो फिर से भारत की तरफ ही हो गए हैं ना...

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi