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नाकआउट मुकाबलों का तीसमार खाँ है भारत

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नई दिल्ली , सोमवार, 21 मार्च 2011 (22:39 IST)
दसवाँ विश्वकप अपने नाकआउट दौर में पहुँच चुका है और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के तीन बड़े टूर्नामेंटों विश्वकप, चैंपियंस ट्रॉफी और ट्‍वेंटी-20 विश्वकप के नाकआउट मुकाबलों की बात की जाए तो भारत अन्य टीमों से कहीं आगे दिखाई देता है।

विश्वकप की 1975 में शुरआत होने के बाद से तीनों टूर्नामेंटों में कुल 71 नाकआउट मुकाबले खेले गए हैं। इन मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया की किसी अन्य टीम के मुकाबले सबसे ज्यादा भागीदारी रही है। ऑस्ट्रेलिया ने इनमें से 24 मैच खेले हैं. 15 जीते हैं. आठ हारे हैं और उसने 1999 में एजबस्टन में दक्षिण अफ्रीका के साथ 'टाई' मैच भी खेला था।

आईसीसी के तीन ग्लोबल टूर्नामेंटों के नाकआउट मुकाबलों में सफलता प्रतिशत को देखा जाए तो भारत 18 में से 11 मैच जीतकर 68.75 सफलता प्रतिशत के साथ सबसे आगे है। ऑस्ट्रेलिया 64.58 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है।

दिलचस्प बात है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया इस विश्वकप के क्वार्टरफाइनल में भिडने जा रहे हैं, जिसमें या तो गत चैंपियन बाहर हो जाएगा या फिर सहमेजबान।

वेस्टइंडीज अपने पुराने रिकॉर्ड की बदौलत 64.71 प्रतिशत के साथ तीसरे, श्रीलंका (57.14) चौथे, इंग्लैंड (41.18) पाँचवें, पाकिस्तान (38.89) छठे, दक्षिण अफ्रीका (37.50) सातवें और न्यूजीलैंड (33.33) आठवें स्थान पर है।

इन नाकआउट मुकाबलों को देखा जाए तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग 17 मैचों में 627 रन बनाकर सबसे आगे हैं जबकि भारत के सौरभ गांगुली (580 रन) और सचिन तेंडुलकर (526 रन) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। दक्षिण अफ्रीका के आलराउंडर जैक्स कैलिस 492 रन के साथ चौथे स्थान पर हैं।

इसी तरह गेंदबाजों में ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैग्रा‍थ 14 मैचों में 22 विकेट लेकर चोटी पर हैं। श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन 19 विकेटों के साथ दूसरे और ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ब्रेट ली 16 विकेटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। (वार्ता)

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