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भारत इतिहास रचने की दहलीज पर

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मुंबई , शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011 (15:36 IST)
करोड़ों जुनूनी दर्शकों की दुआओं और कभी न हार मानने के जज्बे से लैस भारतीय टीम शनिवार को क्रिकेट विश्वकप की पहली एशियाई खिताबी भिड़ंत में आत्मविश्वास से ओत प्रोत श्रीलंका के खिलाफ 28 साल बाद खुद को वनडे का सिरमौर बनाने की कोशिश करेगी।

ऐतिहासिक लार्डस पर शानदार विश्वकप जीत के दो दशक बाद कप्तान महेंद्रसिंह धोनी की टीम ट्रॉफी से महज एक कदम की दूरी पर है और वानखेड़े स्टेडियम में अपनी बादशाहत साबित करने के लिए सबसे बड़े क्रिकेट मुकाबले में विश्व चैम्पियन बनने की दहलीज पर है।

एशिया की दो शीर्ष टीमें भारत और श्रीलंका हाल में एक दूसरे से काफी मैच खेले हैं। दोनों ने एक एक बार यह विश्व खिताब हासिल किया है और दूसरी बार यह कप अपने नाम करने के लिए दोनों टीमें कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ेंगी।

भारतीय टीम के लिए घरेलू सरजमीं पर खेलने का फायदा होगा, साथ ही अपना उतार-चढ़ाव भरा अभियान शुरू करने के बाद टीम अपनी श्रेष्ठ लय में चल रही है।

यह महासंग्राम मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर के लिए विश्वकप जीतने का सपना पूरा करने के लिए अंतिम मौका होगा क्योंकि उनके खिताबों की सूची में सिर्फ यही ट्रॉफी अपनी चमक नहीं बिखेर पाई है।

टीम इंडिया के कोच गैरी कर्स्टन के लिए भी भारत की ओर से यह अंतिम मैच होगा जबकि श्रीलंकाई कोच भी विश्वकप के बाद इस्तीफा दे देंगे। स्पिन जादूगर मुथैया मुरलीधरन के लिए यह आखिरी वनडे मुकाबला होगा जो घुटने की चोट से उबर रहे हैं।

फाइनल से पहले दोनों टीमों में चोटों की समस्याएँ हैं। घरेलू टीम को आशीष नेहरा अँगुली की चोट के कारण गहरा झटका लगा है क्योंकि वह लगभग इस मैच से बाहर हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में अच्छी गेंदबाजी की थी। इसी तरह श्रीलंकाई टीम भी मुरलीधरन और आल राउंडर एंजेलो मैथ्यूज की चोट से चिंतित है, उसने कवर के तौर पर सूरज रणदीव और चामिंडा वास को बुलाया है।

मेजबान टीम खिताबी मुकाबले से पहले चयन की दुविधा में घिरी है। भारतीय मोहाली की पिच को अच्छी तरह नहीं पढ़ सके थे, जिसके कारण उन्होंने स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बजाय तेज गेंदबाज नेहरा को अंतिम एकादश में चुना था। अश्विन ने अभी तक दो मैच खेले हैं जिसमें उनका प्रदर्शन ठीक ठाक रहा है।

मोहाली की पिच से स्पिनरों को काफी मदद मिली थी, हालाँकि तीन भारतीय तेज गेंदबाजों जहीर खान, मुनाफ पटेल और नेहरा ने अच्छा प्रदर्शन किया था।

टीम इंडिया सही समय पर शानदार प्रदर्शन कर रही है, पहले उन्होंने क्वार्टरफाइनल में गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया और फिर हाई वोल्टेज सेमीफाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को परास्त किया लेकिन अब देखना बाकी है कि वे फाइनल में यही कारनामा कर पाते हैं या नहीं, जहाँ इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी।

कप्तान धोनी ने टीम के साथियों को चेता दिया है कि उन्हें विश्वकप अभियान को लेकर किए जा रहे अत्यधिक प्रचार से ध्यान नहीं भटकाने देना चाहिए और अपना ध्यान सिर्फ खेल पर लगाना चाहिए। धोनी ने कहा कि चारों ओर काफी चीजें हो रही हैं, लेकिन महत्वपूर्ण है कि इससे ध्यान भंग नहीं होने दिया जाए। बतौर पेशेवर क्रिकेटर हम अपना काम बखूबी जानते हैं इसलिए हम इसी पर अडिग रहेंगे और बढ़िया क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे।

भारतीय कप्तान ने कहा ‍‍कि श्रीलंका की अच्छी टीम है और उन्होंने टूर्नामेंट में भी सचमुच अच्छा प्रदर्शन किया है। हमें उन्हें हराने के लिए अच्छा क्रिकेट खेलना होगा। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा। कागज पर दोनों टीमें पूरी तरह से संतुलित दिख रही हैं हालाँकि श्रीलंकाई टीम का गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है।

भारतीयों का बल्लेबाजी क्रम काफी मजबूत है, जिसमें से ज्यादातर स्पिन से अच्छी तरह निपट सकते हैं। मुरलीधरन चतुर गेंदबाज हैं जो अगर कल मैच में उतरते हैं तो बल्लेबाजों को दबाव में डालने का तरीका ढूँढ लेंगे।

घरेलू टीम तेंडुलकर और विस्फोटक वीरेंद्र सहवाग से आक्रामक शुरुआत दिलाने की उम्मीद करेंगी, ताकि मध्यक्रम को मजबूत मंच प्रदान किया जा सके जिससे भारतीय टीम वानखेड़े की पिच पर चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने की कोशिश करेगी। वानखेड़े की पिच बल्लेबाजों के मुफीद होने की उम्मीद है।

तेंडुलकर टूर्नामेंट में 464 रन बनाकर शुरू से ही अच्छी फार्म में हैं और उनके प्रशंसक उम्मीद करेंगे कि वह अपने घरेलू मैदान पर 100वाँ अंतरराष्ट्रीय शतक जड़कर यह उपलब्धि हासिल कर लें।

बांग्लादेश के खिलाफ 175 रन की शानदार पारी खेलने वाले सहवाग हालांकि इसके बाद इतना आक्रामक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं लेकिन उन्होंने तेजी से 30-40 रन जोड़े हैं और श्रीलंका से मैच छीनने के लिए भारत चाहेगा कि वह इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाएँ।

भारतीय बल्लेबाजी में गहराई है लेकिन उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि वे बल्लेबाजी पॉवरप्ले में लुढ़क नहीं जाएँ, जैसा दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज खिताब मैच में हुआ था। पाकिस्तान के खिलाफ पिछले मैच में उन्होंने हालाँकि पॉवरप्ले में फायदा उठाया था। रन जुटाने के लिए गौतम गंभीर, विराट कोहली, युवराज सिंह, कप्तान धोनी और रैना में काफी प्रतिभा और कौशल मौजूद है।
धोनी बल्ले से हालाँकि अच्छा नहीं कर पा रहे हैं लेकिन वह इस मैच में योगदान करने के बारे में सोच रहे होंगे।

युवराज के लिए यह विश्वकप बेहतरीन रहा है, जो रिकार्ड चार बार मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। वह बल्ले और गेंद दोनों में फार्म में हैं और इस मैच में अहम भूमिका निभाएगे। श्रीलंका के शीर्ष बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान, कुमार संगकारा, उपुल थरंगा और महेला जयवर्धने रन बटोर रहे हैं और उनकी टीम संतुलित दिख रही है।

कप्तान कुमार संगकारा ने कहा कि यह हमारे लिए काफी मायने रखता है। हमने पिछले दो वर्षों से इसकी योजना बनाई है। 2007 में हम मौका चूक गए थे, जिसमें हम फाइनल में पहुँचे थे और इस मैच में हमारे पास बेहतरीन मौका होगा।

कुल 1.252 करोड़ डॉलर ईनामी राशि के टूर्नामेंट में खिताब जीतने वाली टीम को 30 लाख डॉलर जबकि उप विजेता को 15 लाख डॉलर की ईनामी राशि मिलेगी।

श्रीलंका ने यहाँ इस स्टेडियम में चार वनडे खेले हैं जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्वकप का लीग मैच भी शामिल हैं। इनमें से उन्होंने दो जीते जबकि दो में उन्हें हार मिली। भारत ने 1986-87 में श्रीलंका को यहाँ एक मैच में हराया है जबकि उसने 1996-97 में हुए एक मुकाबले में मेजबान टीम पर जीत दर्ज की। (भाषा)

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