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भारत विश्वकप नहीं जीत सकता-जोंस

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हमें फॉलो करें क्रिकेट विश्व कप 2011
मेलबोर्न , रविवार, 13 मार्च 2011 (22:07 IST)
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस को लगता है कि कमजोर गेंदबाजी और अप्रभावी क्षेत्ररक्षण को देखते हुए भारत की शानदार बल्लेबाजी भी महेंद्रसिंह धोनी की टीम के विश्व कप अभियान को नहीं बचा सकती। जोंस ने कहा कि धोनी के धुरंधरों का इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हासिल करने का सपना सिर्फ सपना ही बनकर रह जाएगा।

उन्होंने ‘द एज’ में लिखे अपने कालम में लिखा कि सभी विश्वकप चैंपियन टीमों में तीन मुख्य चीजों में निरंतरता रही है। टीम के शीर्ष चार बल्लेबाज उच्च स्तरीय होने चाहिए। उन्हें नई गेंद का सामना करने की तकनीक और पॉवरप्ले के दौरान ताकत भरे स्ट्रोक खेलना आना चाहिए। टीम के शीर्ष चार गेंदबाज उच्च स्तरीय होने चाहिए, जो दबाव झेलने के बावजूद पॉवरप्ले में डिफेंसिव गेंदबाजी करें। अगर आप क्षेत्ररक्षण नहीं कर सकते तो जीत की उम्मीद मत करो।

जोंस ने अपने लेख में लिखा कि इन सबको देखते हुए मुझे नहीं लगता कि खिलाड़ियों की मौजूदा फार्म को देखते हुए भारत विश्वकप जीतेगा। धोनी को बता दो कि वे सपना देख रहे हैं।

पूर्व क्रिकेटर जोंस ने कहा कि टीम में सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त रखने की क्षमता रखते हैं, की मौजूदगी के बावजूद भारत विश्वकप नहीं जीत सकता। उन्होंने लिखा कि हर कोई भारतीय टीम का बहुत सम्मान करता है। इसमें कोई शक नहीं कि उसमें शानदार बल्लेबाज मौजूद हैं।

जोंस ने कहा कि धोनी की टीम में जहीर खान, आशीष नेहरा, पीयूष चावला और हरभजनसिंह का गेंदबाजी संयोजन पिछली टीमों की गेंदबाजी के स्तर से मेल नहीं खाता।

उन्होंने कहा ‍कि कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने भी स्वीकार किया है कि उसके क्षेत्ररक्षक काफी धीमे हैं, लेकिन धोनी मानते हैं कि वे जहीर खान, आशीष नेहरा, पीयूष चावला और हरभजनसिंह के अपने गेंदबाजी आक्रमण से विश्वकप जीत सकते हैं। धोनी को इतिहास के पन्ने पलटकर देखना चाहिए कि इस तरह का गेंदबाजी आक्रमण विश्वकप जीतने के लिए काफी नहीं है। (भाषा)

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