Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सचिन सबसे बड़े रोल मॉडल हैं-गैरी

हमें फॉलो करें सचिन सबसे बड़े रोल मॉडल हैं-गैरी
मुंबई , मंगलवार, 5 अप्रैल 2011 (18:44 IST)
भारत को अपने प्रशिक्षण में विश्वकप खिताब दिलाने वाले कोच गैरी कर्स्टन ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को खेल जगत का महान रोल ॉडल करार दिया है।

कर्स्टन पहले ही विश्वकप के बाद भारतीय टीम के साथ अपना करार समाप्त करने की घोषणा कर चुके हैं। तीन वर्ष तक भारतीय टीम को प्रशिक्षण देने वाले कर्स्टन ने कहा मैं सचिन को उनकी मित्रता के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूँ।

मैं दुनियाभर में जिन खिलाड़ियों से मिला हूँ सचिन उनमें से खेल जगत के सबसे बड़े रोल मॉडल हैं। तीन साल तक सचिन के साथ काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है और मैं उनके सहयोग के लिए उनका शुक्रगुजार हूँ।

कर्स्टन ने भारत को अलविदा कहते हुए कहा मुझे किसी को अलविदा कहने में इतना दुख नहीं हुआ जितना भारत से विदा लेने में हो रहा है लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि मैं ऐसे समय में टीम को छोड़कर जा रहा हूँ जब वह बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है।

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज कर्स्टन ने कहा मैं आज रात अपनी पत्नी के साथ दक्षिण अफ्रीका लौट जाऊँगा।
लेकिन मेरा दिल भारत में ही रहेगा। मैं हर उस व्यक्ति का धन्यवाद करना चाहता हूँ जिसने मुझे भारत जैसे महान देश में काम करने का मौका दिया।

उन्होंने कहा कि जब मैंने भारतीय टीम के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी संभाली थी उस समय उसके लक्ष्य काफी ऊँचे थे इसलिए नए कोच के रूप में मेरे लिए जरूरी था कि मैं कुछ नए विचारों और रणनीतियों को लागू करूँ और मेरी रणनीतियों पर खिलाड़ियों ने सकारात्मक रवैया दिखाया।

कर्स्टन ने भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ी की प्रशंसा करते हुए कहा विराट कोहली अब टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार हैं। ईशांत शर्मा के लिए पिछला वर्ष काफी मुश्किल भरा रहा लेकिन वह भविष्य के स्टार खिलाड़ी बन सकते हैं। मुझे सुरेश रैना और चेतेश्वर पुजारा जैसे युवा खिलाड़ियों के साथ काम करके काफी अच्छा लगा। मैं मुनाफ पटेल के प्रदर्शन से बहुत खुश हूँ।

जहीर खान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं और मुझे युवराज सिंह पर गर्व है। कर्स्टन ने कहा मुझे टीम के हर खिलाड़ी के साथ काम करना अच्छा लगा। मेरे अनुसार महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं। मैंने कभी उन्हें गुस्से में नहीं देखा।

हमने विश्वकप खिताब जीतने के साथ-साथ टेस्ट क्रिकेट में शीर्ष पर पहुँचने की उपलब्धि भी हासिल कर ली है। भारतीय खिलाड़ी जिस तरह से पूरे देश की अपेक्षाओं के दबाव से निपटे वह वाकई काबिले तारीफ है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi