सिडनी। दक्षिण अफ्रीका के कोच रसेल डोमिंगो ने उम्मीद जताई है कि उनके खिलाड़ी टीम से जुड़े ‘चोकर्स’ के अवांछित टैग से सबक लेकर इस बार श्रीलंका के खिलाफ होने वाले क्वार्टर फाइनल मैच में इस तरह की गलतियों से बचने की कोशिश करेगी।
डोमिंगो से 18 मार्च को सिडनी में होने वाले मैच से पूर्व जब टीम के दबाव की परिस्थितियों में बिखरने की आदत के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से यह (चोकर्स) दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट का हिस्सा रहा है। जब भी हम इस प्रतियोगिता है इस पर सवाल किए जाते हैं।
उन्होंने कहा, हमने इस पर बात की। हमें इस सचाई का सामना करना पड़ता है कि पूर्व में हमने मौके गंवाए थे। उम्मीद है कि हमने पिछली टीमों की गलतियों से सबक लिया होगा। अब हम नहीं चाहते कि हमारे साथ ऐसा कुछ हो। लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य अच्छी क्रिकेट खेलना है। पूर्व में क्या हुआ हम उस पर ध्यान नहीं देना चाहते हैं।
दक्षिण अफ्रीका को खिताब का दावेदार माना जा रहा है लेकिन 1992 में पहली बार विश्व कप में उतरने के बाद दबाव में बिखरने का उसकी टीम का लंबा इतिहास रहा है। दक्षिण अफ्रीका तब सिडनी में बारिश के नियम के कारण इंग्लैंड से सेमीफाइनल मैच हार गया था क्योंकि उसे एक गेंद पर 22 रन का असंभव लक्ष्य दिया गया था।
दक्षिण अफ्रीका 1996 में क्वार्टर फाइनल में हार गया जबकि 1999 में बाद में चैंपियन बने ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में मैच 'टाई' छूटने के कारण वह खिताब की दौड़ से बाहर हो गया था। इसके बाद 2003 में दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका से मैच 'टाई' छूटा। वह डकवर्थ-लुईस पद्धति से रनों को सही आकलन नहीं कर पाया और इस तरह से पहले दौर में बाहर हो गया। यह विश्व कप दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में खेला गया था।
दक्षिण अफ्रीका इसके बाद 2007 में ऑस्ट्रेलिया से सेमीफाइनल में हार गया और 2011 में न्यूजीलैंड ने उसे क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ने दिया था। डोमिंगो ने कहा, हम जानते हैं कि यदि हम अपनी क्षमता से खेलते हैं तो फिर हम श्रीलंका को हराने में सफल रहेंगे। (भाषा)