वर्ल्ड कप 2015 खिताब के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की भिड़ंत होने वाली है। दोनों देशों की प्रतिद्वंद्विता किसी से छुपी नहीं है। क्रिकेट भद्रजनों का खेल माना जाता है और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर अपने खेल के अलावा मैच के दौरान छींटाकशी के लिए भी प्रसिद्ध हैं। हम पेश कर रहे हैं इतिहास का ऐसा ही शर्मनाक पल, जिसकी खूब आलोचना हुई।
किसी भी खेल को ऊंचे मुकाम पर पहुंचाने के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों में खेल के प्रति सम्मान और खिलाड़ी भावना कायम रहे। खेल में आक्रामक होना सही है, लेकिन यही आक्रमकता जब विरोधी टीम के सम्मान को ठेस पहुंचाए तो यह दूषित हो जाती है। क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे पल हैं, जब किसी खिलाड़ी ने खेल भावना का मजाक उड़ाते हुए विरोधी टीम के खिलाड़ी का अपमान किया। ऐसी ही एक घटना फरवरी 1981 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक मैच के दौरान मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में हुई।
ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज ट्रेवर चैपल ने न्यूजीलैंड को बल्लेबाज का मजाक उड़ाते हुए उसे अंडरआर्म गेंदबाजी की। इस समय तक अंडरआर्म गेंद फेंकने पर कोई नियम नहीं बनाया गया था, लेकिन गेंदबाज द्वारा जानबूझ कर अंडरआर्म गेंद फेंकने की क्रिकेट जगत में बहुत आलोचना हुई।
क्या था मामला- 1 फरवरी 1981 को मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच वनडे मैच में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने भाई ट्रेवर चैपल से मैच की आखिरी गेंद अंडरआर्म डालने को कहा। यह पल क्रिकेट इतिहास में सबसे शर्मनाक पलों में से एक है।
सौजन्य से- यू ट्यूब वीडियो
मैच की आखिरी गेंद पर न्यूजीलैंड को छह रनों की जरूरत थी और स्ट्राइक पर ब्रायन मैकेंजी थे, लेकिन चैपल ने अंडरआर्म गेंद डालकर खेल भावना को तहस-नहस कर दिया।
इसके बाद ही अंडरआर्म गेंद को क्रिकेट में अमान्य घोषित किया गया। चैपल ने खेल के सारे नैतिक मूल्यों को ताक में रखकर अपने गेंदबाज भाई को अंडरआर्म गेंद फेंकने को कहा, जिसकी क्रिकेट जगत मे बहुत आलोचना हुई।