पूरे विश्व कप में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पराजय झेलते हुए विश्व कप टूर्नामेंट 2015 से बाहर हो गई। भारत की इस हार से भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी निराश हुए।
यह पहली बार नहीं है जब भारत के विश्व कप में हारने से करोड़ों क्रिकेट प्रमियों का दिल टूटा है बल्कि इसके पहले भी यह कई बार हो चुका है। ऐसे ही नौ मौकों के बारे में हम बताने जा रहे हैं जब भारतीय क्रिकेट टीम ने करोड़ों प्रशंसकों का दिल तोड़ा।
1. विश्व कप 2015, कोहली का विकेट
शायद यह हाल के सालों का सबसे फेमस मैच रहा होगा। पूरे विश्व कप में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। ऑस्ट्रेलिया के द्वारा दिए गए 329 रनों के जवाब में भारत का दूसरा विकेट विराट कोहली के रूप में गिरना मैच का टर्निंग प्वाइंट रहा।
विराट कोहली का विकेट जैसे ही गिरा लोगों को 12 साल पहले सचिन तेंदुलकर के फाइनल में कुछ इसी तरह आउट होने की याद ताजा हो गई। जैसे ही कोहली आउट हुए भारत के निश्चित अंतराल में विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और धोनी किसी भी बल्लेबाज के बिना मैदान पर अकेले पड़ गए और अंततः भारत मैच हार गया।
2. गावस्कर की धीमी बल्लेबाजी 1975 विश्व कप
1975 के विश्व कप में भारत के सुनील गावस्कर ने इतनी धीमी बल्लेबाजी की,कि भारत मैच हार गया। सुनील गावस्कर ने इस मैच में 36 रन बनाने के लिए 174 गेंदें खेल डाली। लॉर्ड्स के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए इस मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 335 रन बनाए।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम गावस्कर के धीमे खेल की वजह से निर्धारित 60 ओवरों में तीन विकेट खोकर 132 रन ही बना सकी और भारतीय टीम यह मैच 202 रनों के बड़े अंतर से हार गई। बाद में गावस्कर को धीमी बल्लेबाजी को लेकर उन्हें खूब आलोचना झेलनी पड़ी।
3. 1979 में जब श्रीलंका जैसी छोटी टीम से हार गया भारत
विश्व कप 1979 में श्रीलंका से हारने का मतलब था जैसे कि आज कि परिपेक्ष्य में यूएई से हारना। श्रीलंका ने भारत को हराते हुए वनडे क्रिकेट में अपनी पहली जीत दर्ज की थी भारतीय टीम को श्रीलंका जैसी छोटी टीम से हारने क बाद खूब फजीहत झेलनी पड़ी थी।
श्रीलंका ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 238 रनों का स्कोर खड़ा किया। 239 रनों के स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी रही लेकिन भारत के अन्य बल्लेबाज इस अच्छी शुरुआत को भुना नहीं पाए और भारत 47 रनों से मैच हार गया।
4. 1987 के विश्व कप में जब एक रन से हारा भारत
कहते हैं कि क्रिकेट में हर रन का महत्व होता है। वास्तव में हर रन का इस खेल में महत्व होता है। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धरित ओवरों में 268 रन बनाए थे, लेकिन एक अंपायर ने छक्के को चौका दे दिया था इसलिए स्कोर को भारत के कप्तान कपिल देव की सहमती लेते हुए इनिंग ब्रेक के दौरान 270 कर दिया गया।
स्कोर के चेज में उतरी भारतीय टीम ने बढ़िया बल्लेबाजी की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के क्रेग मैकडरमोट के चार विकेट भारतीय टीम को बहुत महंगे पड़े और भारत मैच एक रन के अंतर से हार गया।
5. जब एकाएक पलटा मैच का पांसा, दर्शकों के बर्दास्त से बाहर हुई हार
विश्व कप 1996 के सेमीफाइनल में श्रीलंका के द्वारा दिए गए 252 रनों के स्कोर को चेज करने उतरी भारतीय टीम ने शुरुआत अच्छी की लेकिन स्कोर 98/1 के बाद एक दम से भारत ने 120 रन तक जाते-जाते अपने आठ विकेट गंवा दिए।
मैदान में बैठी जनता को भारतीय टीम की यह दुर्दशा बर्दास्त नहीं हुई और दर्शकों ने मैदान में बोतल और आग लगाना शुरू कर दिया। मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने जनता को शांत करने के लिए 15 मिनट के लिए मैच रोक दिया। लेकिन, फिर भी दर्शकों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। बाद में खेल को वहीं रोक दिया गया और श्रीलंका को विजेता करार दे दिया गया।
6. जिम्बॉब्वे से तीन रनों से हारा भारत
विश्व कप 1999 के जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में भारत जिम्बाब्वे से मात्र तीन रनों से हार गया। भारत ने इस मैच में सर्वाधिक 51 एक्सट्रा रन दिए। और यही एक्सट्रा रन भारत को बाद में महंगे पड़े। जिम्बाब्वे के द्वारा दिए गए 253 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 45 ओवरों में 249 रनों पर ऑलआउट हो गई।
भारत ने अपने अंतिम तीन विकेट सात रन के भीतर गंवा दिए और भारत तीन रनों से मैच हार गया। भारत के जिम्बाब्वे के खिलाफ हार के बाद नॉकआउट अभियान को बड़ा धक्का लगा और अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया से हारकर भारत विश्व कप से बाहर हो गया।
7. विश्व कप 2007 में जब बांग्लादेश से हारा भारत
विश्व कप इतिहास में यह भारतीय टीम की सबसे बड़ी हार मानी जाती है। मिस्टर वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया ने इस विश्व कप में शिरकत की थी।
लेकिन, भारतीय टीम इस विश्व कप में नॉकआउट चरण में ही बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गई। बांग्लादेश से हार भारतीय टीम के लिए सबसे दुख की बात रही। उस दिन भारतीय टीम की हार के बाद हजारों दिल रोए।
8. सचिन के आउट होते ही मैच से बाहर हुआ इंडिया, विश्व कप 1996
1996 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में 259 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम के सचिन तेंदुलकर बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहे थे। लेकिन, सचिन (90 रन 84 गेंद) ने मार्क वॉ की गेंद को आगे निकल कर मारने की कोशिश की और वे स्टंप आउट हो गए।
सचिन के आउट होते ही भारतीय टीम की उम्मीदें भी टूट गईं और भारत मैच 16 रनों से हार गया। जिस मार्क वॉ ने सचिन को आउट किया था उसने ऑस्ट्रेलिया की ओर से उस मैच में सर्वाधिक 126 रन बनाए थे।
9. सचिन का विकेट गिरा रोया पूरा इंडिया, विश्व कप 2003
विश्व कप 2003 के फाइनल में भारत के जहीर खान के पहले ओवर में 15 रन पिटे। इसके बाद यह सिलसिला चलता रहा और अंत में ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में दो विकेट पर 359 रनों का भारी भरकम स्कोर खड़ा किया।
जवाब में बल्लेबाजी करनी उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और भारतीय टीम ने सचिन(4) के रूप में पहला विकेट गंवा दिया और अंततः भारत इस मैच को 125 रनों से हार गया।