सिडनी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 मार्च को विश्व कप का सेमीफाइनल मुकाबला खेला जाना है, जिस पर दुनियाभर के क्रिकेटप्रेमियों की नजरें लगीं हुई हैं। मैच को जीतने के लिए दोनों ही टीमें कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं। सोमवार को भारतीय टीम के कप्तान ने अभ्यास मैच में टेनिस का रैकेट थामा और अपने प्रिय साथी सुरेश रैना को टेनिस गेंद के साथ अभ्यास करवाया।
जो लोग स्टेडियम में मौजूद थे, उन्हें यह बड़ा अजीब और हैरानी से भरा भी लगा कि टीम इंडिया के कप्तान धोनी के हाथों में बल्ले के बजाय टेनिस का रैकेट है। अकसर भारतीय टीम जब अभ्यास करती है तो कप्तान के एक हाथ में बल्ला और दूसरे हाथ में बेसबॉल के ग्लब्स रहते हैं लेकिन सिडनी की नेट्स पर अजीब ही दृश्य था।
धोनी ने बल्ला थामे सुरेश रैना को टेनिस के रैकेट से दनादन टेनिस की बॉल फेंकी और उस पर शॉट खेलने को कहा। असल में रैना को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के बंदूक की गोली तरह आने वाले बाउंसरों से काफी दशहत होती है और वे इनका सामना सही ढंग से नहीं कर पाने के कारण आउट हो जाते हैं।
रैना की इस परेशानी से धोनी पूरी तरह वाकिफ हैं और इसी कारण उन्होंने रैकेट से तेज शॉट लगाकर रैना को करीब आधे घंटे तक अभ्यास करवाया। धोनी को भरोसा है कि उनके इस प्रयोग से रैना का आत्मविश्वास प्रबल होगा। सिडनी में जब वे मैदान पर उतरेंगे तो बाउंसरों का सामना ढंग से कर सकेंगे।
इसी अभ्यास सत्र में धोनी की तरकश के एक और तीर कहे जाने वाले रवींद्र जड़ेजा ने भी काफी पसीना बहाया। जडेजा भारतीय स्पिन आक्रमण के प्रमुख अस्त्र हैं। उन्होंने अभ्यास पिच पर गेंदबाजी करके बार-बार यह जानने की कोशिश की कि उनकी गेंदें कितनी स्पिन हो रहीं हैं।
जो भी हो, धोनी की टीम का हर धुरंधर सेमीफाइनल को जीतने के लिए कमर कस चुका है और कोई चूक नहीं छोड़ना चाहता है। हर खिलाड़ी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास है।
प्रेस ब्रीफिंग में खुद रैना ने स्वीकार किया कि छोटी-छोटी चीजों पर हम ध्यान दे रहे हैं, इसी से टीम बड़ी बनती है। सब जानते हैं कि उन्हें मैदान पर जाकर अच्छा करना है क्योंकि वापसी का अब कोई समय शेष नहीं बचा है। (वेबदुनिया न्यूज)