इस विश्वकप में जो हो रहा है शायद इसके पहले कभी नहीं हुआ होगा। क्रिस गेल, डिविलियर्स और ब्रेंडन मैक्कुलम ने अपनी आतिशी पारियों से विश्व के बॉलरों की जहां जमकर खबर ली है, वहीं दर्शकों का भी खूब मनोरंजन किया है।
डिविलियर्स ने विश्वकप के ठीक पहले विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए मात्र 31 गेंदों में 100 रन ठोंक दिए थे। उनका यह सिलसिला यहीं नहीं थमा बल्कि विश्वकप में भी जारी रहा। विश्वकप में डिविलियर्स ने एक बार फिर वेस्टइंडीज के खिलाफ लीग मैच में विश्वकप का दूसरा सबसे तेज शतक(52 गेंदों में) लगाते हुए, महज 66 गेंदों में 162 रन ठोंक डाले।
इस दौरान डिविलियर्स ने अपने स्ट्रोक के साथ भी खूब प्रयोग किए। डिविलियर्स जिस तरह से घूम-घूमकर स्ट्रोक लगा रहे थे उससे उनकी प्रतिभा का खूब पता चलता है। डिविलियर्स विश्वकप के आने वाले मैचों में भी इसी तरह का कमाल फिर से दिखा सकते हैं।
क्रिस गेल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ विश्वकप का पहला दोहरा शतक लगाकर विश्व की टीमों को आगाह कर दिया है कि वे अकेले दम पर अपनी टीम को जीत दिलाने का दम रखते हैं। गेल ने जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में मात्र 137 गेंदों में दोहरा शतक लगाया।
गेल ने इस दौरान 16 छक्के लगाए जो बताता है कि गेल छक्के लगाने के मामले में विश्व के किसी और बल्लेबाज से कहीं ज्यादा सक्षम हैं। हालांकि गेल अभी तक जिम्बाम्ब्वे के खिलाफ ही कमाल दिखा पाए हैं बड़ी टीमों के खिलाफ उनका कमाल दिखा पाना अभी बाकी है।
न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैक्कुलम आतिशी पारी खेलने के मामले में किसी से पीछे नहीं हैं। वे शुरू में आते ही आतिशी खेल दिखाना शुरू करते हैं, और बॉलर की लाइन एंड लेंथ को बिगाड़ देते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ हुए मैच में उन्होंने आते ही एंडरसन, फिन और ब्रॉड जैसे बॉलरों की खूब खबर ली थी। और आनन फानन में 23 गेंदों में 70 से अधिक रन ठोंक डाले। जब वे आउट हुए टीम जीत के लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुकी थी।
वही खेल उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए हाई-वोल्टेज मैच में भी दिखाया और मात्र 22 गेंदों में 50 ठोंक दिए, जब वे बल्लेबाजी कर रहे थे तो निराशा में ऑस्ट्रेलिया के मुख्य गेंदबाज मिचेल स्टॉर्क गेंद फेंकने के दौरान फिसल कर गिर पड़े। मैक्कुलम की बेहतरीन पारी की बदौलत ही न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।