सिडनी। गुरुवार के दिन भारत विश्व कप के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 95 रनों से हार गया। मैच के बाद धोनी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि फिलहाल वे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं ले रहे हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि अभी मैं उतना बुढ्ढा नहीं हूं कि संन्यास ले लूं।
फाइनल के बाद टीम इंडिया के कप्तान धोनी ने कहा कि जो लोग इस विश्व कप को मेरे करियर का अंतिम विश्व कप मान रहे थे, उन्हें मैं बता देना चाहता हूं कि इस बारे में मैंने अब तक नहीं सोचा है। मैं एकदिवसीय क्रिकेट खेलता रहूंगा।
धोनी ने कहा कि वे वनडे से संन्यास लेने का फैसला टी20 विश्व कप के बाद करेंगे। गौरतलब हो कि अगला टी20 क्रिकेट विश्व कप भारत में 2016 में होने वाला है।
धोनी के मुताबिक अभी मैं 33 साल का ही हूं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे 2020 का आईसीसी विश्व कप खेलेंगे? धोनी ने कहा कि अगले विश्व कप के बारे में मैं अभी से कुछ नहीं कहना चाहता हूं। धोनी ने कहा कि मेरे संन्यास लेने के बारे में मीडिया रिसर्च कर ले।
दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क ने भी कहा कि महेंद्र सिंह धोनी में अभी काफी क्रिकेट बाकी है। भारतीय कप्तान ने कहा कि विश्व कप के सेमीफाइनल मैच की हार से मैं निराश हूं। मुझे अफसोस है कि हम फाइनल में नहीं पहुंच पाए। मैं इस विश्व कप में भारतीय क्रिकेटप्रेमियों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने न केवल देश में बल्कि हजारों की संख्या में यहां पहुंचकर हमारा उत्साह बढ़ाया।
धोनी ने स्वीकार किया कि 329 रनों का लक्ष्य बहुत ज्यादा था। 300 से ज्यादा रनों की चुनौती हो तो जोखिम लेनी ही पड़ती है। उन्होंने कहा कि टॉस हारने के बाद ही हमारी चिंताएं बढ़ गई थी। हालांकि हमारा बल्लेबाजी लाइनअप काफी अच्छा था। भारतीय ओपनरों ने बहुत अच्छा काम किया। मैं उनके प्रदर्शन से संतुष्ट हूं।
विराट कोहली के बारे में धोनी ने कहा कि तिल का ताड़ नहीं बनाना चाहिए। विराट अच्छे बल्लेबाज हैं और कई मौकों पर उन्होंने बेहतरीन पारियां खेली हैं।
उन्होंने कहा कि हम अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके। हमारी योजना 30 ओवर तक विकेट बचाए रखने की थी। हमें एक बड़ी साझेदारी की जरूरत थी, जैसी कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने की थी। धोनी ने कहा कि हम निचले क्रम से ज्यादा उम्मीद नहीं रख सकते थे।
धोनी ने माना कि इस मैच में स्पिनरों ने अच्छा काम किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अच्छी क्रिकेट खेली और वे फाइनल में खेलने के हकदार बने।
एक सवाल के जवाब में धोनी ने कहा कि दूसरे देशों के क्रिकेटरों की तरह हमारे क्रिकेटरों को एक या दो माह का ब्रेक नहीं मिलता। जो खिलाड़ी टी 20 में खेल रहे हैं, वही वनडे में और टेस्ट में भी खेलते हैं। लगातार खेलने से दबाव तो खिलाड़ी को ही झेलना पड़ता है। (वेबदुनिया न्यूज)