सिडनी। गत चैंपियन टीम इंडिया खिताब से दो कदम की दूरी पर है लेकिन यह फासला तय करना सबसे मुश्किल है और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में किसी भी गलती की गुंजाइश से बचने के लिए वह अभी से तैयारियों में जुट गई है।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड के नजदीक सोमवार को खिलाड़ियों ने नेट अभ्यास किया जिसमें ऑलराउंडर सुरेश रैना ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों खासतौर पर मिशेल स्टार्क और मिशेल जॉनसन की गेंदों का सामना करने के लिए टेनिस बॉल से जमकर नेट अभ्यास किया।
टेनिस बॉल से तेज गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ तैयारी करना बहुत पुराना तरीका है लेकिन फार्म में चल रहे रैना ने इसी तरीके पर भरोसा करते हुए अभ्यास किया। रैना ने लगभग 45 मिनट इसी तरह से बल्लेबाजी की प्रैक्टिस की।
पाकिस्तान मैच से पहले स्टूल पर चढकर लंबे तेज गेंदबाज मोहम्मद इरफान का सामना करने के लिए जिस तरह से टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने खुद को तैयार किया था उसी तरह से कोच डंकन फ्लेचर ने विपक्षी टीम के तेज गेंदबाजों का सामना करने के लिए टेनिस बॉल से खिलाड़ियों को अभ्यास करवाया।
भारतीय बल्लेबाजों ने नेट अभ्यास के दौरान तेज गेंदबाजों और स्पिनरों सभी से निपटने के लिए तैयारी की। रैना मैदान में बाईं ओर कोच फ्लेचर के साथ टेनिस रैकेट और बॉल लेकर अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने फ्लेचर के साथ बल्लेबाजी भी की। टेनिस गेंद सामान्य गेंद से अधिक उछलती है और इससे उन्हें शॉट बॉल खेलने में मदद मिलेगी।
रैना की सबसे बड़ी समस्या है कि उन्हें सबसे अधिक समस्या शार्ट बॉल खेलने में होती है और टेनिस बॉल से बल्लेबाज को बेहतर ढंग से अभ्यास करने में मदद मिलती है। फ्लेचर के साथ रैना ने गेंद को हूक करने का अभ्यास किया। इस दौरान रैना कुछ शाट्स खेलने में सफल रहे तो कुछ में चूक गए।
नेट अभ्यास में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी काफी सक्रिय दिखे और उन्होंने भी रैना को गेंद से कुछ सर्व किए। धोनी ने काफी आक्रामकता के साथ सर्व किए और कई बाउंसर भी डाले। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क इस तरह की गेंदों के लिए मशहूर है।
हालांकि रैना इस दौरान बहुत सहज नहीं लग रहे थे। इसके बाद धोनी ने रैना के साथ खेल को लेकर चर्चा की। भारतीय ओपनर शिखर धवन ने भी इसके बाद टेनिस सर्व का सामना किया और करीब 10 मिनट तक इसकी प्रैक्टिस की।
भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 26 मार्च को दूसरे सेमीफाइनल में भिड़ना है। सह मेजबान टीम को अपने घरेलू मैदान पर खेलने के साथ टीम इंडिया के खिलाफ पिछले टेस्ट और त्रिकोणीय सीरीज में अपराजेय रिकॉर्ड को भी अहम माना जा रहा है।
भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ पिछले तीन महीने में कोई मैच नहीं जीता है और इसी को लेकर फिलहाल ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी लग रहा है। लेकिन मौजूदा विश्व कप में भारत ने कोई मैच नहीं हारा है और सभी सातों मैचों में विपक्षी टीम को ऑलआउट करने का विश्व रिकार्ड भी बनाया है।
टीम इंडिया भले ही अच्छी फॉर्म में है लेकिन अहम पड़ाव पर वह किसी गलती से बचना चाहती है। भारतीय बल्लेबाजों ने जहां संतोषजनक प्रदर्शन किया है वहीं गेंदबाजों ने लाजवाब प्रदर्शन कर टीम को जीत की मंजिल तक पहुंचाया है। लेकिन भारत का मध्य बल्लेबाजी क्रम को अभी सुधार की जरूरत है जिसमें रैना की परेशानी शार्ट बॉल को लेकर सबसे अधिक है।
सिडनी की पिच भी मैच में अहम भूमिका निभा सकती है और यदि पिच घरेलू टीम के अनुकूल रही तो विपक्षी टीम के गेंदबाज बड़ी परेशानी खड़ी कर सकते हैं। अभ्यास के दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ी अपनी इन्हीं कमियों को दूर करते दिखाई दिए जिसमें राघवेंद्र के साथ कुछ बल्लेबाजों ने लैदर बॉल से शार्ट बॉल खेलने का अभ्यास किया।
कप्तान धोनी ने भले ही इस बात को कई बार दोहराया है कि मीडिया रैना की शार्ट पिच गेंदों को लेकर कोई हो-हल्ला न खड़ा करे वहीं नेट अभ्यास में खिलाड़ी इसी का अभ्यास करते दिखे। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई आलराउंडर जेम्स फाकनर ने कहा था कि टीमों को शॉर्ट बॉल के खिलाफ अभ्यास करने की जरूरत है लेकिन इस बात में कुछ नया नहीं है कि भारतीय खिलाड़ी बाउंसर खेलने का अभ्यास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निश्चित ही हम शार्ट पिच गेंदों का इस्तेमाल मैच में करेंगे, लेकिन इसमें कुछ नया नहीं है क्योंकि वनडे में यह आम है। हमारी टीम के सामने चाहे भारत हो या पाकिस्तान हम अपने हिसाब से ही तैयारी करेंगे और वे अपने हिसाब से तैयारी कर सकते हैं।
भारतीय टीम की कमजोरी और सेमीफाइनल में अपने खेल को लेकर फाकनर ने कहा कि सबकुछ पिच पर निर्भर करेगा। यदि सिडनी की पिच उछाल वाली होगी तो ऑस्ट्रेलिया भारत की कमजोरी पर प्रहार करेगी। (वार्ता)