ढाका। बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्रों ने विश्व कप क्रिकेट में भारत के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में ‘खराब अंपायरिंग’ की कड़ी आलोचना की जबकि देशभर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और अंपायरों पर भारतीयों का पक्ष लेने का आरोप लगाया जा रहा है।
अधिकतर बांग्लादेशी समाचार पत्रों ने क्रिकेट विशेषज्ञों की टिप्पणियां प्रकाशित की हैं जिन्होंने भारत-बांग्लादेश मैच के दौरान अंपायरिंग की आलोचना करके विरोध को सही ठहराया है। प्रमुख समाचार पत्र 'समोकाल' ने बड़े अक्षरों में शीर्षक दिया है, ‘अंपायरों ने बांग्लादेश को हराया'। 'ढाका ट्रिब्यून' समाचार पत्र का शीर्षक है, ‘भारत, अंपायरों ने विश्व कप क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को हराया।'
इस बीच गुस्साए प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली है। सैकड़ों समर्थकों ने देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किए। ढाका विश्वविद्यालय के परिसर में भी विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां पाकिस्तानी अंपायर अलीम डार का पुतला जलाया गया। बांग्लादेश की मेलबर्न में भारत के हाथों 109 रन की हार के तुरंत बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
‘द डेली स्टार’ समाचार पत्र ने लिखा है कि यह विवाद निश्चित तौर पर कई दिनों तक चलने वाला है कि क्या रोहित अंपायरों की गलती के कारण विश्व कप में पहला शतक जमा पाया और बांग्लादेश को महत्वपूर्ण मोड़ पर बढ़त बनाने से रोक दिया या फिर महमुदुल्लाह रियाद का भी भाग्य साथ में नहीं था, जब उन्हें विवादास्पद परिस्थितियों में आउट दिया गया।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वार्न तब कमेंट्री कर रहे थे, उन्होंने कहा कि यह विकेट होना चाहिए था। गेंद कमर से नीचे थी। बांग्लादेश इसकी समीक्षा नहीं कर कर सकता था, क्योंकि इससे पहले उसने पगबाधा के लिए रेफरल ले लिया था।
फेसबुक और ट्विटर पर प्रशंसकों ने अपना गुस्सा निकाला है। एक प्रशंसक ने लिखा है- ‘गुरुवार को हमने क्या देखा। तीन अवसरों पर बांग्लादेश को सही फैसले से वंचित कर दिया गया।' (भाषा)