2021 में आईटी जगत ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं। कई नए इनवेशन हुए जिसने इंसान की लाइफ चेंजिंग के काम हुए। आईटी जगत की बड़ी घटनाएं
फेसबुक ने बदला नाम, Metaverse की इंट्री : मार्क जकरबर्ग ने अक्टूबर महीने में फेसबुक का नाम बदलने की घोषणा के साथ ही मेटावर्स (Metaverse) नाम का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी कंपनी एक अलग तरीके की दुनिया बनाने पर काम करेगी।
इसके लिए कंपनी अरबों डॉलर निवेश करेगी। जुकरबर्ग के मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल करने के बाद से ही लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर जो दुनिया जकरबर्ग बनाना चाहते हैं वह कैसी होगी? मेटावर्स नई तकनीक के जरिए आप वर्चुअल मीटिंग कर पाएंगे। ऑनलाइन घुमने जा सकेंगे, डिजिटल कपड़े ड्राई करने के साथ ही उन्हें खरीद भी पाएंगे।
हालांकि कोरोना महामारी के बाद चलन में आया वर्क फ्रॉम होम तो इस तकनीक में सामान्य सी बात होगी। ये सभी काम आपकी जिंदगी में वर्चुअल तरीके से पूरे होंगे। इसके आने के बाद लोग अपने घर के आधार पर वर्चुअल स्पेस में घर बनाएंगे।
Web 3.0 की चर्चाएं : 2021 में Web 3.0 की चर्चाएं खूब चलीं। कुछ लोगों ने मेटावर्स भी बताया और कुछ ने इसे क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन से जोड़ा। Web 2.0 का एडवांस्ड वर्जन Web 3.0 कहलाएगा। इसकी सबसे बड़ी बात यह होगी कि कोई कंपनी आपको कंट्रोल नहीं कर पाएगी। । Web 3.0 में भी ब्लॉकचेन की तरह ही डेटा किसी सेंट्रल सर्वर पर न होकर हर यूजर के डिवाइस में होगा। ये एन्क्रिप्टेड होगा, इसलिए कोई यह नहीं जान पाएगा कि किस यूजर का डेटा कहां है।
पेगासस मामला : पेगासस स्पाई मामला भी इस साल सुर्खियों में रहा। दुनिया के 17 मीडिया संस्थाओं ने दावा किया कि पेगासस स्पाईवेयर से भारत सहित कई देशों की सरकारों ने पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए। इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा। सुप्रीम कोर्ट ने समिति भी बनाई। 14 दिसंबर को स्पाइवेयर फर्म NSO ने ऐलान किया कि वह पेगासस को बंद करेगी।
ट्विटर और सरकार के बीच घमासान : नए आईटी रूल्स को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच तनातनी चलती रही। इस बीच ट्विटर ने कई बड़ी हस्तियों के अकाउंट से ब्लू टिक भी हटा दिए। ट्विटर पर टूलकिट का मामला भी खूब उछला।
एलन मस्क की कंपनी की इंट्री पर रोक : स्टारलिंक भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का ऐलान किया। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कंपनी को लेकर एक एडवाइजरी जारी की। सरकार ने कहा है कि स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज के पास भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस नहीं है।