नई दिल्ली। इस साल यानी 2021 में छोटी कंपनियों के शेयरों ने निवेशकों को बड़ा रिटर्न (प्रतिफल) दिया है। दलाल पथ पर जोरदार तेजी के बीच इस साल छोटी कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों को 60 प्रतिशत तक का रिटर्न मिला है। माना जा रहा है कि नए साल में भी छोटे शेयरों का यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह साल काफी अच्छा रहा है। शेयर बाजारों के अच्छे प्रदर्शन का सबसे अधिक फायदा छोटे शेयरों को मिला है। जनवरी में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 50,000 अंक के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा था। अक्टूबर में यह 61,000 अंक पर पहुंच गया।
इस साल दिसंबर तक मिडकैप सूचकांक में 6,712.46 अंक या 37.41 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई है। वहीं स्मॉलकैप में 10,824.78 अंक या 59.81 प्रतिशत का उछाल आया है। इनकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 10,146.15 अंक या 21.24 प्रतिशत चढ़ा है।
ट्रेडिंगो के संस्थापक पार्थ न्यति ने कहा, हमारा संरचनात्मक रूप से तेजड़िया बाजार है जहां मिडकैप और स्मॉलकैप का प्रदर्शन मुख्य सूचकांक से बेहतर रहता है। हालांकि दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) की घोषणा तथा म्यूचुअल फंड उद्योग में नियामकीय बदलावों की वजह से 2018 की शुरुआत से मार्च, 2020 तक मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के लिए काफी मुश्किल समय रहा।
उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों की घोषणाओं की वजह से भी कई छोटी कंपनियों के शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। शेयर बाजारों में जोरदार तेजी को वैश्विक केंद्रीय बैंकों के नकदी समर्थन और व्यापक स्तर पर टीकाकरण से मदद मिली है।
इस साल 19 अक्टूबर को मिडकैप सूचकांक अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 27,246.34 अंक पर पहुंच गया। इसी दिन स्मॉलकैप भी 30,416.82 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 19 अक्टूबर को अपने सर्वकालिक उच्चस्तर 62,245.43 अंक पर पहुंचा था। वर्ष 2020 की शुरुआत में महामारी की वजह से शेयर बाजार भी बुरी तरह प्रभावित हुए थे, लेकिन उसके बाद से बाजारों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
पाइपर सेरिका के संस्थापक अभय अग्रवाल ने कहा, छोटे शेयरों के मुख्य सूचकांक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के कई कारण हैं। वर्ष 2017 में बेहतर प्रदर्शन के बाद छोटे शेयरों का प्रदर्शन बड़े शेयरों की तुलना में कमजोर रहा था। ऊंची वृद्धि वाले छोटे शेयरों में निवेश की इच्छा की वजह से इस साल इनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल के अंतिम महीनों में बड़ी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली की है। वहीं दूसरी ओर स्मॉलकैप में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई), उच्च संपदा वाले लोगों (एचएनआई) तथा खुदरा निवेशकों का निवेश जारी है।(भाषा)