Jammu Kashmir 2023 : धारा 370 हटाए जाने के साढ़े चार साल बाद भी जम्मू कश्मीर रक्तरंजित है। वह शांति अभी भी दूर है जिसके प्रति दावा किया गया था कि वह धारा 370 के हटने के साथ ही लौट आएगी। पर ऐसा हुआ नहीं। प्रदेश में हिंसा का दौर अभी भी जारी है। इस साल अभी तक मारे गए 85 आतंकियों, 35 सुरक्षाकर्मियों और 14 नागरिकों की मौतें इसकी पुष्टि जरूर करती हैं।
वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर में नियमित ऑपरेशन के दौरान जान गंवाने वाले तीनों सैनिकों सहित कम से कम 35 सैनिक मारे गए हैं। उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि जम्मू कश्मीर में 9 मुठभेड़ों में 28 सैनिक मारे गए और नौ घायल हो गए।
इस साल, जम्मू कश्मीर में कई मुठभेड़ हुईं, हालांकि 9 मुठभेड़ों में, जिनमें से 6 जम्मू डिवीजन में और 3 कश्मीर घाटी में हुईं, कई सैनिकों को हताहत होना पड़ा।
जम्मू संभाग में मुख्य रूप से पुंछ और राजौरी जिलों में कम से कम 25 सैनिक मारे गए, जबकि कश्मीर घाटी में तीन ऑपरेशनों के दौरान 9 सैनिकों की जान चली गई। मार्च, जून, जुलाई और अक्तूबर में कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ। फरवरी में एक सैनिक, अप्रैल, मई, नवंबर और दिसंबर में 5-5 सैनिक मारे गए जबकि सितंबर में 4 और अगस्त में 3 सैनिक मारे गए।
हालांकि, इस साल जनवरी में, एक नियमित आप्रेशन के दौरान उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के मच्छेल सेक्टर में एक आगे के इलाके में गहरी खाई में फिसलने से एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और दो सैनिकों की मौत हो गई।
फरवरी में पुलवामा जिले के पोटगामपोरा अवंतीपोरा में मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश का एक जवान शहीद हो गया था। अप्रैल में, पुंछ जिले के मेंढर सब डिवीजन के भाटाधुरियां इलाके में एक आतंकवादी हमले में 5 सैन्यकर्मी मारे गए और एक सैनिक घायल हो गया। कथित तौर पर गैर-स्थानीय उग्रवादियों ने वहां यूबीजीएल का इस्तेमाल कर सेना के एक वाहन पर ग्रेनेड से हमला किया।
मई में, जम्मू क्षेत्र के राजौरी जिले के कंडी वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में 5 सैनिक मारे गए। अगस्त में, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र में एक मुठभेड़ में 3 सैनिक मारे गए थे।
सितंबर में राजौरी के नरला गांव में मुठभेड़ में एक सैनिक और सेना के एक कुत्ते की मौत हो गई थी. दक्षिण कश्मीर के गडोले कोकरनाग मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर सहित कम से कम 3 सैन्यकर्मी मारे गए। नवंबर में कालाकोट राजौरी के बाजी माल वन क्षेत्र में 30 घंटे तक चली मुठभेड़ में दो कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हो गए थे।
दिसंबर में हाल ही में हुए एक हमले में, पुंछ में थन्नामंडी सुरनकोट रोड पर घने वन क्षेत्र में आतंकवादियों द्वारा आप्रेशनल टीमों को ले जा रहे सेना के वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में सेना के 4 जवानों की जान चली गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। इसी साल 11 नागरिक आतंकी हमले में मारे गए तथा तीन की मौत सेना की कथित हिरासत में हो गई। वर्ष 2023 में 85 आतंकी भी अभी तक मारे जा चुके हैं।