Year Ender 2024 Mutual Funds : 2023 की तरह ही 2024 में भी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अपनी वृद्धि की गति को बनाए रखा। शेयर बाजारों, मजबूत आर्थिक वृद्धि और निवेशकों की बढ़ती भागीदारी से इस वर्ष म्यूचुअल फंड्स की संपत्ति में 17 लाख करोड़ रुपए की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई। इस वर्ष भी कैल्कुलेटेड रिस्क के साथ ज्यादा प्रॉफिट की चाह में SIP ने नए निवेशकों को लुभाया। चाहे मिड कैप, स्माल कैप हो या लार्ज कैप, किसी भी तरह के फंड ने निवेशकों को निराश नहीं किया।
म्यूचुअल फंड्स के लिए कैसा रहा 2024 : म्यूचुअल फंड उद्योग संघ (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपए का पर्याप्त शुद्ध प्रवाह देखा गया, साथ ही निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पिछले वर्ष 2.74 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ था। एसआईपी की लोकप्रियता बढ़ी जिसने अकेले 2.4 लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया।
इस निवेश से उद्योग की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (AUM) बढ़कर नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जो 2023 के अंत में दर्ज 50.78 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि इसमें दिसंबर का आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
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इस उद्योग की 45 कंपनियों में 2024 (नवंबर तक) में कुल 9.14 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ था। यह भारी निवेश इक्विटी फंड, आर्बिट्रेज फंड और इंडेक्स फंड और विनिमय-व्यापार फंड (ईटीएफ) में निवेशकों की निरंतर रुचि के दम पर मुमकिन हो पाया।
तेजी से बढ़े फोलियो : वर्ष की शुरुआत में इस इंडस्ट्री के पास मात्र 16.89 करोड़ निवेशक थे लेकिन नवंबर के अंत तक यह संख्या बढ़कर 22 करोड़ से ज्यादा हो गई। इस वर्ष कुल 174 नई ओपन एंडेड स्कीम्स लांच की गई और कुल स्कीम्स की संख्या बढ़कर 1552 हो गई। सैक्टोरियल और थीमैटिक फंड्स में भी फोलियो की संख्या 1.61 करोड़ से बढ़कर 2.89 करोड़ तक पहुंच गई।
शेयर बाजार को दिया सहारा : शेयर बाजार में डायरेक्ट निवेश से डरने वाले छोटे निवेशकों का पैसा इक्विटी मार्केट में लगाने वाले म्यूचुअल फंड्स 2024 में एक बड़ी ताकत के रूप में उभरे। 2024 में जब एफडीआई और एफआईआई भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली कर रहे थे, बड़ी गिरावट की आशंका निवेशकों के मन में घर करने लगी। इस मुश्किल घड़ी में म्यूचुअल फंड्स ने आगे बढ़कर सेंसेक्स और निफ्टी को संभाला।
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क्यों बढ़ रहा है SIP पर भरोसा : शेयर बाजार में तेजी से हो रहे उतार चढ़ाव ने बड़ी संख्या में लोगों को SIP की ओर आकर्षित किया है। फंड मैनेजर्स द्वारा संचालित होने की वजह से इसमें नुकसान की संभावना कम रहती है।
क्यों बढ़ रहा है म्यूचुअल फंड्स में रुझान : म्यूचुअल फंड्स युवाओं में वेल्थ बिल्डिंग प्रोडक्ट के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं। यूट्यूब, सोशल मीडिया और फाइनेंशियल वेबसाइट जैसे प्लेटफॉर्म ने म्यूचुअल फंड तक लोगों की पहुंच को आसान बना दिया है। अधिक से अधिक निवेशक कंपाउंडिंग की शक्ति को समझ रहे हैं। उन्हें यह भी समझ में आ रहा है कि म्यूचुअल फंड उन्हें अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश के अनिच्छुक लोगों के लिए यहं मौजूद विकल्पों ने भी इंडस्ट्री के विस्तार में मदद की है।
2025 में क्या है चुनौतियां : म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि इंडस्ट्री के सामने कई बड़ी चुनौतियां है जिस पर 2025 में काम करने की जरूरत है। इस वर्ष म्यूचुअल फंड में पैसा डालने और निकालने की प्रोसेस को और आसान बनाने की आवश्यकता है। खासकर पैसा निकालने में लगने वाले समय को कम करना होगा। म्यूचुअल फंड नियमों को और भी पारदर्शी बनाए जाने की आवश्यकता है।
म्यूचुअल फंड्स के लिए कैसा रहेगा 2025 : 2024 की तरह ही 2025 भी म्यूचुअल फंड्स के लिए एक बेहतरीन वर्ष रहने की उम्मीद है। एम्फी की सतर्कता की वजह से म्यूचुअल फंड्स के प्रति रुझान तेजी से बढ़ा है। यहां आने वाले निवेशक जानते हैं कि उन्हें कब किस फंड में कितना पैसा निवेश करना है और इसमें उन्हें कितना रिटर्न मिलने की संभावना है। उन्हें यह भी पता है कि इस बाजार में नुकसान की भी आशंका है।