Gold silver year ender : पिछले कई वर्षों की तरह ही 2024 में भी सोना निवेशकों के लिए सोणा ही बना रहा। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने का भाव नए साल में भी रिकॉर्ड तोड़ता रहेगा। भू-राजनीतिक तनाव तथा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच घरेलू बाजार में यह 90,000 रुपए के स्तर तक भी जा सकता है। मौद्रिक नीति में नरम रुख तथा केंद्रीय बैंकों की खरीद से भी इसके भाव बढ़ेंगे। हालांकि भू-राजनीतिक संकट कम होने पर रुपए में गिरावट थमेगी जिससे सोने की कीमत में भी नरमी आ सकती है।
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2024 में गोल्ड और सिल्वर ने कितना दिया रिटर्न : 2024 में सोने और चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। पश्चिम एशिया में तनाव और रूस युक्रेन युद्ध की वजह से कई देशों ने इस वर्ष अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया। आम लोगों ने भी इस वर्ष सोने में जमकर निवेश किया। साल 2024 में एक जनवरी को MCX पर 24 कैरेट सोने की कीमत 63288 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 30 दिसंबर को यह 76260 रुपए पर बंद हुआ। इस तरह सोने ने इस साल निवेशकों को 20 फीसदी से कुछ ज्यादा रिटर्न दिया। चांदी ने भी निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। 1 जनवरी 2024 को एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 74319 रुपए प्रति किलो थी। 30 दिसंबर को यह बढ़कर 87531 रुपए प्रति किलो पर बंद हुई। इसने भी एक साल में निवेशकों को 18 फीसदी रिटर्न दिया।
वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा ने वर्ष की शुरुआत करीब 2,062 डॉलर प्रति औंस पर की और 31 अक्टूबर को 2,790 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वर्तमान में हाजिर बाजार में सोने का भाव 79,350 रुपए प्रति 10 ग्राम और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर वायदा कारोबार में 76,600 रुपए प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : वित्त विशेषज्ञ संजय अग्रवाल ने बताया कि 2024 में सोने में भारी उतार चढ़ाव रहा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह नीचे में 2400 डॉलर प्रति ओंस तक और ऊपर में 2800 डॉलर तक गया। रुपए में देखें तो करीब 10000 रुपए का उतार चढ़ाव दिखाई दिया। 2024 में जितना रिटर्न सोने चांदी ने दिया उतना किसी भी असेट ने नहीं दिया। इसका कारण इसराइल समेत कई देशों में तनाव का चरम पर पहुंचना था। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद दुनियाभर में चांदी की मांग में काफी इजाफा हुआ है। सोलर पैनल, ईवी समेत उत्पादों में चांदी का इस्तेमाल होने से इसकी मांग तेजी से बढ़ी है।
2025 में कैसी रहेगी चाल : घरेलू स्तर पर सोने की कीमतें 85,000 रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि सर्वोत्तम स्थिति में यह 90,000 रुपए तक पहुंच सकती है। यदि भू-राजनीतिक तनाव जारी रहता है चांदी की कीमतें भी बढ़कर 1.1 लाख रुपए से 1.25 लाख रुपए प्रति किलो तक जा सकती हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, दुनिया में सोने की मांग काफी बढ़ी है। केंद्रीय बैंकों ने लगातार 15वें साल गोल्ड में खरीदारी की है। पहली बार किसी वर्ष में यह मांग बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गई। नए वर्ष में भी सोने की मांग स्थिर रहेगी।
अग्रवाल ने कहा कि 20 जनवरी को ट्रंप के शपथ लेने के बाद ही तय होगा कि दुनियाभर में नए साल में सोने की मांग कैसी रहेगी। उन्होंने कहा कि युद्ध बढ़ा तो मांग बढ़ेगी और थमने पर इसमें कमी आएगी है। उनका कहना है कि अगर ग्लोबल इकोनॉमी स्थिर रहती है तो गोल्ड का भाव सीमित दायर में कामकाज होगा। ब्याज दरों को लेकर फेडरल रिजर्व के फैसले से भी सोने की चाल प्रभावित हो सकती है।
edited by : Nrapendra Gupta