कुंडलिनी जागरण में 'मैं कौन हूं?' इसका उत्तर मिलता है- योगिनी चांदनी
, शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014 (08:48 IST)
इंदौर। श्री अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में 'कुंडलिनी जागरण एवं ट्रांसफॉर्मेशनल योग (स्वरूपांतरण)' विषय पर 2 दिवसीय 12-13 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में अमेरिका तथा ताईवान से आए हुए योग विशेषज्ञों ने कुंडलिनी जागरण की सहज प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के पहले दिन के पहले सत्र में अमेरिका तथा ताईवान से आए हुए विशेषज्ञों का स्वागत प्राचार्य एसएल गर्ग, वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार व्यास, योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेनु भरकतिया, गिरीश गलोदिया तथा मनोज सोनगरा ने किया। स्वागत के बाद योगासन, प्राणायाम और कुंडलिनी जागरण की कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों प्रतिभागियों ने योग के विभिन्न आसनों और क्रियाओं का लाभ प्राप्त किया।ताईवान से पधारी योग प्रशिक्षक योगिनी चांदनी (Ms Hugang Rong) ने बताया कि शक्ति हर मानव के अंदर होती है। केवल उसका अनुभव एवं उत्थान यौगिक क्रियाओं, आसन, प्राणायाम, बंध एवं गुरुकृपा से सहत होता है। कुंडलिनी शक्ति रीढ़ के सबसे अंतिम छोर पर मूलाधार चक्र में होती है जिसे कपाल भाति, नाड़ि शुद्धि, बीज मंत्रों एवं प्रणव साधना से जाग्रत किया जा सकता है।