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गर्मी में ठंडक का अहसास

सुंदरता का भी रखें ध्यान

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अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

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तेज धूप व गर्मी का प्रभाव हमारी त्वचा, आँखों और अन्य अंगों पर पड़ता है। पानी की कमी से गला व होंठ सूखने लगते हैं। पानी व नमक की कमी होने से डी-हाइड्रेशन हो सकता है। चेहरा मुरझाया-सा और शरीर सुस्त हो जाता है।

शरीर में ऑक्सीजन और पानी की कमी हो जाने से बेचैनी, घबराहट, सुस्तपन और उल्टी-दस्त आदि गर्मी से संबंधित रोग बढ़ जाते हैं। गर्मी के मौसम की तेज धूप में भी यदि स्वस्थ रहते हुए ठंडक का अहसास चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं योग के कुछ नुस्खे।

प्राणायाम : शीतली और शीतकारी प्राणायाम करें। आप इसे कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं। बस ध्यान रखें कि जहाँ भी कर रहे हैं वहाँ की वायु शुद्ध हो। इससे शरीर में भरपूर ऑक्सीजन का संचार होगा। फेफड़े और पेट में किसी भी प्रकार की गर्मी नहीं रहेगी।

शीतली : इसमें मुख खोलकर जुबान की नाली बनाकर नाली के द्वारा श्वास धीरे-धीरे लय में अंदर खींचे फिर मुख बंद कर कुछ देर तक श्वास अंदर रोके रखने के बाद नाक से निकाल दें। इसे आठ या दस बार करें। इससे शरीर में ठंडक बढ़ती है।

शीतकारी : शीतकारी में दाँतों को भींचकर होंठों से श्वास खींचें। कुछ देर तक रोके रखने के बाद नाक से निकाल दें। इसे भी आठ से दस बार करें और तेज गर्मी में भी भरपूर ठंडक का मजा लें।

मुद्रा : शून्य, वायु और वरुण मुद्रा गर्मी में लाभदायक है। गर्मी में आमतौर पर सुस्तपन छा जाता है। शून्य मुद्रा आपके शरीर के सुस्तपन को कम कर स्फूर्ति जगाती है। वरुण मुद्रा शरीर के जल तत्व के संतुलन को बनाए रखती है और वायु मुद्रा एसिडिटी, दर्द, दस्त, कब्ज, अम्लता आदि को दूर करती है।

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चेहरे का ध्यान रखें : ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं और गरमाहट भी छँट जाती है। त्वचा पर रूखापन भी नहीं रहता। अंग संचालन के अंतर्गत आने वाले मुँह के व्यायाम करें। जैसे शेर की तरह मुँह फाड़ना और बंद करना। मुँह में हवा भरकर उसे दाएँ-बाएँ घुमाना आदि।

आँखों पर रखें नजर: गर्मी के मौसम में प्राय: आँखों में जलन होने लगती है। अत: जब भी बाहर निकलें सनग्लासेस का प्रयोग करें। गुलाब जल में साफ कॉटन को भिगोकर आँखों पर रखें और कुछ देर आँखें बंद करके लेटें। अंग संचालन के अंतर्गत आने वाले आँखों के व्यायाम करें। जैसे आँखों को तेजी से झपकाना और आँखों की पुतलियों को दाएँ-बाएँ और ऊपर-नीचे करने के बाद गोल-गोल घुमाना।

योगासन : वैसे तो अंग संचालय या शूक्ष्म व्यायाम ही गर्मी के लिए अति उत्तम हैं, फिर भी आप ताड़ासन, कटि चक्रासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, हलासन, ब्रह्म मुद्रा और पद्मासन कर सकते हैं।

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पेय पदार्थ : पेय पदार्थ में अधिक से अधिक पानी और फलों के ताजा जूस का सेवन करें, दही की पतली छाछ, आम का पना, इमली का खट्टा-मीठा जलजीरा आदि तरल पदार्थों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ताजा फलों का जूस एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर होने के कारण शारीरिक व मानसिक थकान को दूर करने में सहायक होता है।

भोजन : इस मौसम में हलका भोजन करें, अधिक तले-भुने गरिष्ठ भोजन से बचें। ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, फालसा, संतरा, बेल तथा पुदीने का भरपूर सेवन गर्मी से राहत दिलाता है। हलका भोजन चुस्ती-फुर्ती तो देता ही है, गरमी के आभास को भी कम करता है।

स्नान-ध्यान : तेज धूप, प्रदूषण व देखभाल की कमी से शरीर, बाल और चेहरा अपनी चमक खो देते हैं और वे बेजान-से लगते हैं। अत: दही व मुलतानी मिट्टी का पैक बनाकर आधा घंटा तक पूरे शरीर पर लगाकर रखें और फिर ठंडे पानी से स्नान करें।

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