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योगधारा बने जीवन धारा

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, मंगलवार, 13 जुलाई 2010 (15:25 IST)
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आज की भाग-दौड़ भरी दिनचर्या में सब पाना बहुत कुछ कठिन होता जा रहा है। ऐसे में एक घंटे का योगाभ्यास न केवल हमें स्वस्थ तन-मन प्रदान करता है, बल्कि सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण व्यक्तित्व भी प्रदान करता है।

हर व्यक्ति स्वस्थ और ऊर्जावान रहकर समाज में सकारात्मक कार्यों द्वारा अपना विशिष्ट योगदान दे सकें। इसी शुभ संकल्प के साथ नईदुनिया द्वारा अभिनव प्रकल्प योगधारा का शुभारंभ किया गया, जिसमें हर सप्ताह शनिवार और रविवार को लोग योग का अभ्यास करेंगे। शनिवार की सुबह इस प्रकल्प का शुभारंभ माधवनगर के उद्यान से किया गया, जहाँ पतंजलि योग समिति के सहयोग से योगधारा का अविरल प्रवाह गतिमान हुआ।

*गायत्री मंत्र से शुरुआत :
भोर की पहली किरण के साथ ही माधवनगर के उद्यान में योगाभ्यासी एकजुट होने लगे थे। ठीक छः बजे प्रणव ध्यान, गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र के स्वरों के साथ योगधारा का श्रीगणेश हुआ। योग प्रशिक्षिका श्रीमती सुमन अग्रवाल ने प्रार्थना व मंत्र जाप के बाद योगाभ्यासियों को सर्वप्रथम योग का महत्व बताया तथा बाद में योगगुरु बाबा रामदेव की योग पद्धति के अनुसार सात प्राणायाम जिनमें भस्त्रिका, बाह्य प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी व उदगीत प्राणायाम के अलावा अग्निसार, कपालभाति यौगिक क्रियाओं का अभ्यास कराया।

*सिंहासन से आत्मविश्वास :
योग साधकों को प्राणायाम के साथ ही योग प्रशिक्षिका श्रीमती अग्रवाल ने मण्डुकासन, वज्रासन, पद्मासन तथा शशकासन का भी अभ्यास कराया, साथ ही हाथ-पैरों के सूक्ष्म व्यायाम, यौगिक जोगिंग के विभिन्न 12 प्रकारों का अभ्यास भी कराया। अंत में सभी साधकों को योग प्रशिक्षिका द्वारा आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए सिंहासन व मन को प्रसन्न और आनंदित करने वाला हास्यासन भी कराया।

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*जानेंगे योग की बातें :
योगधारा के प्रथम पड़ाव तहत दूसरे दिन योग प्रशिक्षिका श्रीमती सुमन अग्रवाल व उनके सहयोगी योग प्रशिक्षकों द्वारा रविवार को प्रातः 6 बजे से योगाभ्यास के साथ योग के सैद्धांतिक पक्ष व योगमय जीवनशैली की विभिन्न विधियों प्रशिक्षण दिया गया।

इसी तरह का शिविर दिल्ली में भी आयोजित किया गया। : योगधारा शिविर की सीख, योग से भगाएँ रोग

शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए योग एक अचूक अस्त्र है। लोगों को योग का महत्व समझाने के लिए कृष्णा नगर के रघुनाथ मंदिर में योग धारा शिविर का आयोजन किया गया।

यह शिविर भारतीय योग संस्थान एवं नईदुनिया के सौजन्य से आयोजित किया गया। शिविर में विशिष्ठ अतिथि के रूप में निगम पार्षद राजेश गौड़, भारतीय योग संस्थान दिल्ली प्रदेश कार्यकर्ता छबील दास व कृष्णा नगर जिले के प्रधान हरी कृष्ण कश्यप मौजूद थे। इस निःशुल्क शिविर में लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की।

योगासन शिविर में कृपाल सिंह ने विभिन्न आसनों की प्रक्रिया और उनके लाभ बताए। लोगों ने त्रिकोण आसन, त्रियकताड़ आसन, शव आसन, कोंण आसन, वज्र आसन, शिथिल आसन, पादुआसन, सिंह आसन, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपाल-भाती और भ्रामरी प्राणायाम की प्रक्रिया का अभ्यास किया।

श्री सिंह ने कहा मोटापा ही बीमारियों का घर है। असमय और अनियमित खान-पान ही मोटापे का मुख्य कारण है। यदि लोग नियमित रूप से सुबह जल्दी उठ कर अपना कुछ समय योग साधना को दें तो अधिकतर बीमारियाँ पैदा होने से पहले ही खत्म हो जाएगी। दिनभर की भागदौड़ में से कुछ समय योग के लिए निकालना बेहद जरूरी है।

शिविर में योग साधना के बाद विशिष्ठ अतिथि श्री गौड़ ने कहा, 'मुझे इस शिविर में आकर बहुत अच्छा लगा। अगर सभी इसी तरह रोज अपना कुछ समय आसनों को दें तो अधिक्तर शारीरिक समस्याएँ अपने आप सुलझ जाएँगी। भारतीय योग संस्थान व नईदुनिया की ये पहल पूरी तरह से जनहित को ध्यान में रखकर की गई है। मै इसका खुले दिल से स्वागत करता हूँ।

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