Shree Sundarkand

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

योग आसनों के प्रकार

Advertiesment
हमें फॉलो करें योग
WD
ऋषि-मुनियों ने स्वास्थ और आध्यात्मिक प्रश्नों की खोज के दौरान प्रकृति, पशु और पक्षियों का गहन अध्ययन कर यह जानने का प्रयास किया कि सहज रूप से किस तरह से स्वस्थ और चैतन्य रहा जा सकता है। यहाँ प्रस्तुत है ऋषियों द्वारा अविष्कृत आसनों के प्रकार।

योग के आसनों को हम मुख्‍यत: छह भागों में बाँट सकते हैं:-

(A).पशुवत आसन: पहले प्रकार के वे आसन जो पशु-पक्षियों के उठने-बैठने और चलने-फिरने के ढंग के आधार पर बनाए गए हैं जैसे-

1.वृश्चिक आसन, 2.भुजंगासन, 3. मयूरासन, 4. सिंहासन, 5. शलभासन, 6. मत्स्यासन 7.बकासन 8.कुक्कुटासन, 9.मकरासन, 10. हंसासन, 11.काकआसन 12. उष्ट्रासन 13.कुर्मासन 14. कपोत्तासन, 15. मार्जरासन 16.क्रोंचासन 17.शशांकासन 18.तितली आसन 19.गौमुखासन 20. गरुड़ासन 21. खग आसन 22.चातक आसन, 23.उल्लुक आसन, 24.श्वानासन, 25. अधोमुख श्वानासन, 26.पार्श्व बकासन, 27.भद्रासन या गोरक्षासन, 28. कगासन, 29. व्याघ्रासन, 30. एकपाद राजकपोतासन आदि।

(B). वस्तुवत आसन : दूसरी तरह के आसन जो विशेष वस्तुओं के अंतर्गत आते हैं जैसे-

1.हलासन, 2.धनुरासन, 3.आकर्ण अर्ध धनुरासन, 4. आकर्ण धनुरासन, 5. चक्रासन या उर्ध्व धनुरासन, 6.वज्रासन, 7.सुप्त वज्रासन, 8.नौकासन, 9. विपरित नौकासन, 10.दंडासन, 11. तोलंगासन, 12. तोलासन, 13.शिलासन आदि।

(C). प्रकृति आसन : तीसरी तरह के आसन वनस्पति, वृक्ष और प्रकृति के अन्य तत्वों पर आधारित हैं जैसे-

1.वृक्षासन, 2.पद्मासन, 3.लतासन, 4.ताड़ासन 5.पद्म पर्वतासन 6.मंडूकासन, 7.पर्वतासन, 8.अधोमुख वृक्षासन 9. अनंतासन 10.चंद्रासन, 11.अर्ध चंद्रासन 13.तालाबासन आदि

(D). अंग या अंग मुद्रावत आसन : चौथी तरह के आसन विशेष अंगों को पुष्ट करने वाले माने जाते हैं जैसे-

1.शीर्षासन, 2. सर्वांगासन, 3.पादहस्तासन या उत्तानासन, 4. अर्ध पादहस्तासन, 5.विपरीतकर्णी सर्वांगासन, 6.सलंब सर्वांगासन, 7. मेरुदंडासन, 8.एकपादग्रीवासन, 9.पाद अँगुष्ठासन, 10. उत्थिष्ठ हस्तपादांगुष्ठासन, 11.सुप्त पादअँगुष्‍ठासन, 12. कटिचक्रासन, 13. द्विपाद विपरित दंडासन, 14. जानुसिरासन, 15.जानुहस्तासन 16. परिवृत्त जानुसिरासन, 17.पार्श्वोत्तानासन, 18.कर्णपीड़ासन, 19. बालासन या गर्भासन, 20.आनंद बालासन, 21. मलासन, 22. प्राण मुक्तासन, 23.शवासन, 24. हस्तपादासन, 25. भुजपीड़ासन आदि।

(E). योगीनाम आसन : पाँचवीं तरह के वे आसन हैं जो किसी योगी या भगवान के नाम पर आधारित हैं जैसे-

1.महावीरासन, 2.ध्रुवासन, 3. हनुमानासन, 4.मत्स्येंद्रासन, 5.अर्धमत्स्येंद्रासन, 6.भैरवासन, 7.गोरखासन, 8.ब्रह्ममुद्रा, 8.भारद्वाजासन, 10. सिद्धासन, 11.नटराजासन, 12. अंजनेयासन 13.अष्टवक्रासन, 14. मारिचियासन (मारिच आसन) 15.वीरासन 16. वीरभद्रासन 17. वशिष्ठासन आदि।

(F). अन्य आसन :

1. स्वस्तिकासन, 2. पश्चिमोत्तनासन, 3.सुखासन, 4.योगमुद्रा, 5.वक्रासन, 6.वीरासन, 7.पवनमुक्तासन, 8.समकोणासन, 9.त्रिकोणासन, 10.वतायनासन, 11.बंध कोणासन, 12.कोणासन, 13.उपविष्ठ कोणासन, 14.चमत्कारासन, 15.उत्थिष्ठ पार्श्व कोणासन, 16.उत्थिष्ठ त्रिकोणासन, 17.सेतुबंध आसन, 18.सुप्त बंधकोणासन 19. पासासन आदि।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi