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उचित श्वास के लाभ

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अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

, मंगलवार, 21 दिसंबर 2010 (15:59 IST)
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श्वास लेना और छोड़ना हमारे मस्तिष्क के भाव-विचार और बाहरी वातावरण की स्थिति पर निर्भर करता है। क्रोध के दौरान श्वास की गति बदल जाती है उसी तरह प्रदूषण भी हमारी श्वास को अवरुद्ध कर देता है। मौसम के बदलाव से भी हमारी श्वास बदलकर अनियं‍त्रित हो जाती है। उचित और भरपूर श्वास नहीं ले पाने के कारण शरीर और मन रोग ग्रस्त होने लगता है। प्राणायाम योग द्वारा श्वासों की दशा और दिशा सुधारी जा सकती है।

भोजन तीन दिन तक नहीं खाएँगे तो चलेगा, पानी एक दिन तक नहीं पीएँगे तो चलेगा लेकिन श्वास अर्थात हवा तो आपको पल-प्रतिपल चाहिए। व्यक्ति भोजन ग्रहण करते वक्त और पानी पीते वक्त जिस तरह उसकी शुद्धता का ध्यान रखता है उसी तरह हवा ग्रहण करते वक्त भी उसकी शुद्धता का ध्यान रखने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

श्वास लेने के तरीके और सावधानी:-
1.जहाँ भी प्रदूषण भरा माहौल हो वहाँ केवली प्राणायाम करने लगें और उस प्रदूषण भरे माहौल से बच निकलने का प्रयास करें। यदि रूमाल साथ रखते हैं तो केवली की आवश्यकता नहीं।
2.बदबू से बचें, यह उसी तरह है जिस तरह की हम खराब भोजन करने से बचते हैं। बेहतर इत्र या स्प्रे का इस्तेमाल करें। श्वासों की बदबू के लिए आयुर्वेदिक इलाज का सहारा ले सकते हैं।
3.क्रोध, राग, द्वैष या अन्य नकारात्मक भाव के दौरान नाक के दोनों छिद्रों से श्वास को पूरी ताकत से बाहर निकाल कर धीरे-धीरे पेट तक गहरी श्वास लें। ऐसा पाँच बार करें।
4.अपनी श्वासों पर विशेष ध्यान दें कि कहीं वह उखड़ी-उखड़ी, असंतुलित या अनियंत्रित तो नहीं है। उसे सामान्य बनाने के लिए अनुलोम-विलोम कर लें।
5.पाँच सेकंट तक गहरी श्वास अंदर लेकर उसे फेंफड़ों में भर लें और उसे 10 सेकंट तक रोककर रखें। 10 सेकंट के बाद उसे तब तक बाहर छोड़ते रहें जब तक की पेट पीठ की तरफ ना खिंचाने लगे।
6.नाक के छिद्रों का हमेशा साफ-सुधरा रखें। चाहें तो जलनेती या सूतनेती का सहारा ले सकते हैं।
7.सुगंध भी प्राकृतिक भोजन है। समय-समय पर सभी तरह की सुगंध का इस्तेमाल करते रहने से मन और शरीर में भरपूर उर्जा का संचार किया जा सकता है।

इसके लाभ:-
शरीरिक लाभ- श्वास लेने से शरीर में 99% ऑक्सीजन और ऊर्जा की आपूर्ति होती है। रक्तचाप नियंत्रित रहता है तथा हृदय की गति भी सामान्य रूप से संचालित होती रहती है। फेंफड़े शुद्ध और पुष्ट होते हैं। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज में सुधार होता है। भोजन के पाचन में यह सहायक है। शरीर के सभी तरह के विकारों का निष्कासन होता है।

मानसिक लाभ- भरपूर श्वास लेने से तनाव घटता है। चिंता, थकान, अवसाद, सिरदर्द आदि रोगों में लाभ मिलता है। दस बार गहरी श्वास लेने और छोड़ने से क्रोध, बेचैनी और उत्तेजनापूर्ण विचारों का निष्कासन होता है जिससे मन में शांति, आनंद, विश्राम और खुशी का अहसास बढ़ता है।

उचित, साफ, स्वच्छ और भरपूर हवा का सेवन सभी तरह के रोग और मानसिक तनाव को दूर कर उम्र को बढ़ाता है।

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