Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

लय योग ध्यान

Advertiesment
हमें फॉलो करें लय योग ध्यान

अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

FILE
ब्रह्मांड के मध्य स्थित है ब्रह्मलोक, हमारे ग्रहमंडल के बीच स्थित है सूर्यलोक, उसी तरह हमारे मस्तिष्क के मध्य में स्थित है ब्रह्मरंध। आंखें बंद कर अपना संपूर्ण ध्यान ब्रह्मरंध पर केंद्रित करके ब्रह्म में लीन हो जाना ही लय योग ध्यान कहलाता है

लय योग के 9 अंग माने जाते हैं जो इस प्रकार से है- यम, नियम, स्थूल क्रिया, सूक्ष्म क्रिया, प्रत्त्याहार, धारणा, ध्यान, लय क्रिया और समाधि। हालांकि लय योग एक विस्तृत विषय है, लेकिन सामान्यजन यदि सिर्फ लय योग ध्यान से ब्रह्मरंध पर ही ध्यान देते रहें तो लय सध जाता है, क्योंकि यही शक्ति का केंद्र है।

लय योग की सामान्य विधि : शांत स्थान पर सिद्धासन में बैठकर आंखें बंद कर ध्यान को मस्तिष्क के मध्य लगाएं। मस्तिष्क के मध्य नजर आ रहे अंधेरे को देखते रहें और आनंदित होकर सांसों के आवागमन को महसूस करें। पांच से दस मिनट तक ऐसा करें।

लय योग ध्यान का लाभ : उक्त ध्यान को निरंतर करते रहने से चित्त की चंचलता शांत होती है। सकारत्मक शक्ति बढ़ती है। इससे मस्तिष्क निरोगी, शक्तिशाली तथा निश्चिंत बनता है। सभी तरह की चिंता, थकान और तनाव से व्यक्ति दूर होता है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi