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लोकप्रिय हो रहा है 'मेडिकल योग'

प्राचीन पद्धति से आधुनिक विज्ञान की जुगलबंदी

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योग लोगों के बीच हमेशा से ही लोकप्रिय रहा है। और अगर इसके साथ मेडिकल तकनीक भी शामिल की जाए तो इसका असर कुछ खास ही होगा। मेडिकल योग की यही तकनीक इन दिनों घुटने, पीठ दर्द, मधुमेह के मरीजों के बीच लोकप्रिय हो रही है। मेडिकल योग में सभी तकनीक जैसे एमआरआई, एक्स-रे, सीटीस्कैन आदि से मरीज की जाँच कर उसके लिए आसन तय किए जाते हैं।

योग में मेडिकल उपकरणों को शामिल कर इसके असर को दोगुना करने के लिए एक नया कॉन्सेप्ट 'मेडिकल योग' सामने आया है। इसमें योग के साथ मेडिकल साइंस में होने वाली जाँच की सभी तकनीक एमआरआई, एक्स-रे, ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। मेडिकल योग के लिए दिल्ली में तीन केंद्र है। देशभर में मेडिकल योग के 23 केंद्र है।

इस मेडिकल योग में आसन करवाने के लिए योग बेंच, योग रस्सियाँ, कुर्सी और योग के लिए अन्य जरूरी फर्नीचरों को तैयार किया गया है। योग की इस तकनीक से घुटनों का दर्द, सरवाइकल स्पॉण्डालाइटिस, पीठ दर्द, अस्थमा, हृदय संबंधी रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों का सफल इलाज किया जा सकता है। इस सेंटर में बताए जाने वाले आसनों को किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। मेडिकल योग व्यक्ति की पूरी मेडिकल जाँच करने के बाद दिया जाता है। सभी रिपोर्ट आने के बाद ही उसे योगासन बताए जाते हैं। मेडिकल योग से आप अपना वजन भी घटा सकते हैं। मेडिकल योग में एक घंटे में 3 से 6 आसन करवाए जाते हैं।

मेडिकल योग केंद्र के डॉ. दीपक सचदेव ने बताया कि इलाज विशेषतौर पर गर्दन, कमर और घुटनों के दर्द के लिए दिया जाता है। इसमें कुछ खास तरह के स्ट्रेच करवाए जाते हैं। योगासनों और स्ट्रेच से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और इससे माँसपेशियों की अकड़न कम होती है। यह इतना कारगर है कि गर्दन या घुटने के सर्जरी वाले मरीज को बिना सर्जरी के आराम मिल सकता है। उनकी पूरी मेडिकल जाँच के बाद उनके लिए आसन डिजाइन किए जाते हैं। पहले मरीज कुछ दिन सेंटर में आकर ही इन आसनों को करते हैं फिर वह घर रहकर भी इनका अभ्यास कर सकते हैं।

कैसे दूर हो सकता है पैरों का दर्द :
अकसर महिलाओं और पुरुषों में टाँगों का दर्द देखा जाता है। जीवनशैली में तेजी से आने वाला बदलाव इसका मुख्य कारण है। महिलाओं में इस दर्द का मुख्य कारण है बहुत देर तक रसोई में काम करना, कपड़े धोना, मधुमेह, हाई हील की चप्पलें पहनना, अधिक चलना। वहीं पुरुषों में इसके कारण कुर्सी में पैर लटकाकर बैठना, अधिक गाड़ी चलाना, ज्यादा खड़ा रहना, सख्त तलवों के जूते पहना आदि हैं।

उक्त तकलीफ वाले मरीजों को मेडिकल योग केंद्र कुछ आसन बताता है। इसके साथ ही दर्द से छुटकारा पाने के लिए जीवन शैली में आवश्यक बदलाव जरूरी भी है। मेडिकल योग केंद्र का दावा है कि ऐसे मरीजों के लिए छह दिन की योग थेरेपी है जिससे कि दर्द से आराम मिलना निश्चित है।

1. दंडासन : दीवार से पीठ लगाकर बैठ जाएँ, कूल्हे पूरी तरह से दीवार से स्पर्श करें। घुटने व टाँगे सीधे करके बैठ जाएँ। योग बेल्ट की मदद से पाँव के पंजे अपनी ओर खींचें। इस आसन को दस से पंद्रह मिनट करें, बीच में थकान महसूस होने पर पाँव ढीले छोड़ें।
2. पादांगुठासन : पलंग या जमीन पर लेट कर दोनों टाँगें सीधी कर लें। दोनों टाँगें अपनी ओर खींचें। योग बेल्ट की मदद से टाँग को सीधा ऊपर उठाएँ। घुटना सीधा व पाँव का पंजा अपनी ओर खींच कर रखें। आसन को लगभग एक से तीन मिनट के लिए रोकें। आसन को करते समय साँस न रोकें। इसके अलावा करें 3. विपरी‍त करणी आसन।

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