Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

रज हस्त मुद्रा योग, महिलाओं के लिए

हमें फॉलो करें रज हस्त मुद्रा योग, महिलाओं के लिए
FILE
रज मुद्रा योग। 'रज' जो स्त्री के मासिक काल में निकलता है- रजस्वला स्त्री। दूसरा रज एक गुण विशेष का नाम है जैसे रजोगुण। तीसरा रज का अर्थ होता है जल। मूलत: रज का संबंध स्त्री से है इसलिए यह मुद्रा (Raj mudra yoga) विशेष तौर पर स्त्रियों के लिए है।

मुद्रा बनाने का तरीका : बाकि तीनों अंगुलिया सीधी रखते हुए कनिष्ठा (छोटी अंगुली) अंगुली को हथेली की जड़ में मोड़कर लगाने से रज मुद्रा बन जाती है।

इसका लाभ : इस मुद्रा के अभ्यास से मासिकधर्म से संबंधित कोई परेशानी कभी नहीं होगी। स्त्री के सारे प्रजनन अंगों की परेशानियों को ये मुद्रा बिल्कुल दूर कर देती है। इसके अलावा सिर का भारीपन रहना, छाती में दर्द, पेट, पीठ, कमर का दर्द आदि रोगों में रजमुद्रा का अभ्यास बहुत ही लाभकारी है।

रजमुद्रा करने से केवल स्त्रियों को ही नहीं लाभ होता बल्कि अगर पुरुष इस मुद्रा को करता है तो उनके वीर्य संबंधी रोग समाप्त हो जाते हैं। -वेबदुनिया

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi