उम्र बढ़ने के साथ ही शरीर फैलने लगता है और चेहरे पर झुर्रियां भी दिखाई देने लगती है। माथे पर की त्वचा पर भी लाइंस दिखाई देने लगती हैं, जिसे त्वचा पर दिखाई देने वाली सिलवटें भी कहा जाता है। माथे की सलवटें को देखकर ऐसा लगता है कि हम अधेड़ता या बुढापे की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में जानिए कि माथे कि सलवटें कैसे दूर करें योग से।
1. चेहरे और माथे को रिलेक्स रखें : कई लोग बात करते वक्त, क्रोध तरते वक्त, चिंता करते वक्त या भावुकता के क्षणों में माथे पर सलवटें बना लेते हैं। इसके अलावा दूर तक देखते वक्त या किताब पढ़ते वक्त भी माथे पर सलवटें बना लेते हैं। कई बार यह अनावश्यक होती है। बार-बार ऐसा करने से यह सलवटें स्थायी रूप से बन जाती है। ऐसे में यह ध्यान देते रहे कि यदि मैं किसी भी प्रकार की कोई क्रिया कर रहा हूं तो क्या मेरे चेहरे पर तनाव बन रहा है। यह ऐसा लगे तो तुरंत ही रिलेक्स हो जाएं।
2. प्राणायम : इसके लिए सबसे पहले आपको अनुलोम विलोम में अभ्यस्त होना पड़ेगा फिर इसके बाद भ्रस्तिका और कपालभाति प्राणायाम करें। इससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है जो हमारे शरीर को तरोताजा और रिफ्रेश करके के लिए जरूरी है।
3. ब्रह्म मुद्रा करें : ब्रह्म मुद्रा से गर्दन, चेहरा और आंखों की एक्सरसाइज होती है जिसके चलते चेहरे की झुरियां भी मिट जाती हैं। ब्रह्म मुद्रा से गर्दन में लचीलापन आएगा और गर्दन के आसपास की जमा चर्बी भी हटेगी। अब गर्दन स्थिर रखते हुए आंखों को दाएं-बाएं, उपर-नीचे घुमाएं, फिर गोलाकार दाएं से बाएं, फिर बाएं से दाएं घुमाएं। इससे आंखें स्वस्थ्य और सुंदर बनी रहेगी।
4. काली मुद्रा करें : अपनी जीभ को सुविधानुसार बाहर निकाल दें। आपने मां कालीका का फोटो देखा होगा, बस उसी तरह की मुद्रा में 30 सेकंड तक रहें। इससे आपकी आंखों में जमा पानी और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाता है या अंदर पेट में पहुंच जाता है। इससे आंखें स्वस्थ होकर अच्छा महसूस करती है। साथ ही यह माथे की सलवटें मिटाने के साथ ही आंखों के नीचे बनी झुर्रियां भी मिटाता है।
3. चेहरा बनाएं मछलीनुमा : गालों को अंदर भींचकर चेहरे को मछलीनुमा बनाएं। इसे आप स्माइल फिश फेस योगा कह सकते हैं। फिर हाथों की मुठ्टियां बांधकर ऊपर चेहरे तक उठाएं और दोनों आंखों को जोर से बंदरकर अंदर मींच लें। इससे मस्तिष्क पर पड़ी सलवटें मिटती है।
4. शेर मुद्रा : शेर जैसा चेहरा बनाने से चेहरे की सभी मांसपेशियां संचालित होकर स्वस्थ बनती है। पहले जीभ को पुरी ताकत के साथ बाहर निकाले और फिर आंखों को तान दें। बिल्कुल शेर की तरह। अब मुंह का फुग्गा फुलाएं अर्थात मुंह में हवा भरें और उसे दाएं-बाएं घुमाएं।
5. किस की आकृति : किस (चूमना) लेने जैसी आकृति बनाएं और इसी तरीके को बार-बार दोहराएं। फिर गर्दन ऊंची करके बत्तीसी मिलाकर हंसे।
6.बुद्धा फेस : अंत में आंखें बंद कर विश्राम की मुद्रा में बैठ जाएं और दोनों भोओं के बीच ध्यान को लगाएं। कुछ देर तक इसी तरह शांत बैठें रहें।
7. आहार : पानी का उचित सेवन करें, ताजा फलों के जूस, दही की छाछ, आम का पना, इमली का खट्टा-मीठा जलजीरा, बेल का शर्बत आदि तरल पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें। ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, संतरा, बेल तथा पुदीने का भरपूर सेवन कारते हुए मसालेदार या तैलीय भोज्य पदार्थ से बचें।
8. मालिश : इसके बाद कभी भी जेतुन या सरसों के तेल की मालिश करें। इससे मांस-पेशियां पुष्ट होती हैं। दृष्टि तेज होती है। सुख की नींद आती है। मालिश से रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है।