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घुटनों के लिए जानू नमन आसन

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अनिरुद्ध जोशी

ढलती उम्र में व्यक्ति को जोड़ों से संबंधित रोग होने लगते हैं। अंग-अंग दुखता है। ज्यादा दूर चला नहीं जाता या बहुत ऊपर चढ़ा नहीं। व्यक्ति तभी तक जवान रहता है, जब तक उसके सभी अंग और जोड़ तनावरहित रहते हैं। जो लोग जानू नमन आसन करते रहते हैं उनको यह समस्या कभी नहीं सताती।
 
 
यौन रोग में लाभदायक जानुशिरासन
 
जानू घुटने को कहते हैं। क्रम से घुटनों को मोड़ने और सीधा करने को जानू नमन कहते हैं। जानू नमन आसन में अंग संचालन (सूक्ष्म व्यायाम) के अंतर्गत आता है।
 
कैसे करें यह आसन : सबसे पहले भूमि पर नर्म दरी या कंबल बिछाएं, फिर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं अर्थात दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच थोड़ा अंतर रखें। रीढ़ को सीधा रखें।
 
अब दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं जांघ के नीचे दोनों हाथों की अंगुलियों की कैंची बनाकर जांघ को पकड़ लें। अब श्वास भरते हुए पकड़े हुए पैर को सीधा कर लें और पैर की अंगुलियों को बाहर की ओर खींचकर रखते हुए घुटने की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें। 
 
अब इसे दाएं पैर से करें। दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और हथेलियों के दबाव से जांघ को सीने के करीब लाने का प्रयास करें। इस अवस्था में सांस पूरी तरह बाहर निकल जाएगी और पैर अंदर की ओर पिचक जाएगा। 
 
सावधानी : ऐसा करने से आपके दोनों हाथ सीधे हो जाएंगे। इस बात का ध्यान रखें कि एड़ी जमीन से थोड़ा ऊपर रहे।

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