Yoga for Belly: वर्क फ्रॉम होम में निकल गई है तोंद। तोंद के चलते डायबिटीज, हार्टअटैक, किडनी, मूत्राशय, रीढ़ की हड्डी, कमर दर्द जैसे आदि कई रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में यहां दिए जा रहे 6 योगासन। शर्तिया आपकी तोंद कम हो जाएगी। उक्त सभी आसनों के पूरक आसन भी अवश्वय करें। आओ जानते है योग के अचूक आसन।
1. कुंभकासन ( Kumbhkasana Yoga) : कुंभकासन और चतुरंग दंडासन के मिले-जुले रूप को आजकल पश्चिम में प्लंक (plank) कहा जाता है। प्लंक को हिन्दी में काष्ठफलक कहा जाता है। प्लंक के नाम से योगासन ही किए जाते हैं। इस आसन को फलकासन कहते हैं जो सूर्य नमस्कार की एक स्टेप है। 1 से 2 मिनट के लिए आप प्लंक या फलकासन मुद्रा में नहीं रह सकते हैं। शुरुआत में 30 सेंकंड तक ही रहें।
सबसे पहले शवासन में सोते हुए मकरासन में लेट जाएं। अब अपनी कोहनी और हाथ के पंजे को भूमि कर रखें। फिर छाती, पेट, कम और पुष्ठिका को उपर उठाते हुए पैर के पंजे सीधे कर दें। इस स्थिति में आपके शरीर का बल या वजन पूर्णत: हाथ के पंजे, कोहनी और पैर के पंजों पर आ जाएगा। अप गर्दन सहित रीढ़ की हड्डी को सीधा करें। इस स्थिति में रीढ़ सीधी रेखा में होना चाहिए। बिल्कुल एक लकड़ी का तख्ते या पल्ले जैसी।
2. नौकासन ( Naukasana yoga) : नियमित रूप से यह आसन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मददगार है बल्कि शरीर को लचीला बनाने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद साबित हुआ है। यह आसन पेट के बल और पीठ के बल लेटकर किया जाता है। पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसन को विपरीत नौकासन कहते हैं। यह दोनों ही आसन करना चाहिए।
3. कुर्मासन ( Kurmasana Yoga) : कुर्म का अर्थ होता है कछुआ। इस आसन को करते वक्त व्यक्ति की आकृति कछुए के समान बन जाती है इसीलिए इसे कुर्मासन कहते हैं। सबसे पहले दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को थोड़ा-सा ऊपर करके कमर के बल झुकते हुए दोनों हाथों को घुटनों के नीचे रखते हुए उन्हें पीछे की ओर कर दें। इस स्थिति में हाथों की बांहे घुटनों को स्पर्श करती हुई और हथेलियां पीछे की ओर भूमि पर टिकी हुई रहेगी। इसके पश्चात्य धीरे-धीरे ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। यह स्थिति कुर्मासन की है। सुविधा अनुसार कुछ देर तक रहने के बाद वापस लौट आएं।
4. भुजंगासन ( Bhujangasana Yoga) : इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग अर्थात सर्प जैसी बनती है इसीलिए इसको भुजंगासन या सर्पासन कहा जाता है। यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है। यह आसन भी पेट की चर्बी को घटाने के लिए किया जाता है।
5. उत्तानपादासन (Uttanpadasana Yoga): यह एक ऐसा योग है जिसको नियमित करने से तुरंत ही पेट अंदर होने लगता है, खासकर वह अपच, कब्ज, मोटापा, तोंद और अन्य पेट संबंधी बीमारियों से बचाता है। इस आसन को पीठ के बल लेटकर किया जाता है। दोनों हाथों की हथेलियों को भूमि पर दबाते हुए दोनों पैरों को एक साथ उठाकर उपर कहते हैं।
6. तोलांगुलासन ( Tolangulasana Yoga) : वजन तौलते वक्त दोनों तराजू संतुलन में रहते हैं अर्थात तराजू का कांटा बीचोबीच रहता है। उसी तरह इस योगासन में भी शरीर का संपूर्ण भार नितंब पर आ जाता है और व्यक्ति की आकृति तराजू जैसी लगती है इसीलिए इसे तोलांगुलासन कहते हैं। इस आसन में आलकी पालकी मारकर सो जाते हैं और फिर हिप के नीचे हथेलियों को रखते हुए कमर के बल उठते हैं और दूसरी ओर से आलकी पालकी सहित पैरों को भी उठाते हैं। इस स्थिति में पूरा वजन हिप पर ही आ जाता है।