Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

आजादी के अमृत महोत्सव पर फिल्म निर्माण के क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ बनाने का संकल्प: प्रो केजी सुरेश

Advertiesment
हमें फॉलो करें azadi ka amrit mahotsav
webdunia

विकास सिंह

, मंगलवार, 9 अगस्त 2022 (07:00 IST)
आजादी के अमृत महोत्सव पर ‘वेबदुनिया’ की खास श्रृखंला ‘कल, आज, कल’ में एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविदयालय माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि के कुलपति प्रोफेसर केजी सुरेश से 'वेबदुनिया' ने खास बातचीत कर देश में  शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव को समझने की कोशिश की।

खास बातचीत में प्रो. केजी सुरेश ने सबसे पहले ‘वेबदुनिया’ के सभी पाठकों को आजादी के अमृत महोत्सव की बधाई एवं शुभकामना देते हुए ‘वेबदुनिया’ की आजादी के अमृत महोत्सव पर खास श्रृखंला की तारीफ भी की।  
 
विश्व गुरु के रूप में रही भारत की पहचान- प्रो. केजी सुरेश कहते हैं कि भारत हमेशा से अपनी शिक्षा के लिए ही पूरे विश्व में जाना जाता था। भारत की पहचान ही विश्व गुरु के रूप में रही है। नालंदा से लेकर तक्षशिला तक और विक्रमशिला तक एक शिक्षा के क्षेत्र में एक इतिहास इस देश का रहा है। ह्वेनसांग, फह्यान और अलबरूनी शिक्षा ग्रहण करने ही भारत आए थे। कहा जाता है कि नालंदा में जब बख्तियार खिलजी ने आग लगाई तो वहां का पुस्कालय छह महीने तक जलता रहा। सम्राट अशोक ने पूरे विश्व में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए यही से सामाग्री भेजी थी। 

वहीं आज भी पूरी दुनिया से शिक्षा ग्रहण करने के लिए लोग भारत आते है। आज भारत की पहचान दुनिया के एजुकेशन हब के रूप में होती है। विश्व के बेहतरीन विश्वविदयालयों में हमारे IIT,IIM, AIIMS और केंद्रीय विश्वविद्यालयों की गिनती होती है। बात चाहे सिलिकॉन वैली की हो या नासा की हो भारतीय मूल के लोग उच्च पदों पर स्थापित है। इससे एक बात साफ है कि भारत का शिक्षक और भारत का विद्यार्थी विश्व में किसी से कम नहीं है। 
 
NEP भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने का रोडमैप- प्रो. केजी सुरेश कहते हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत के पुन विश्व गुरु बनाने का रोडमैप है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत माखनलाल यूनिवर्सिटी में 8 नए पाठ्यक्रम शुरु कर दिए गए है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद हम आजीवन विद्यार्थी रहेंगे और हमें सीखने की अवसर प्राप्त होगा। यानि एक साल बाद पढाई छोड़कर कोई व्यक्ति पांच साल बाद फिर से पढ़ाई शुरु कर सकता है।
 
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से देश में शोध को बढ़ावा मिलेगा। वैश्विक रैंकिंग में अगर भारत की रैंकिंग कम आती थी तो उसका कारण था हमारे यहां टीचिंग लर्निग सेंटर थे लेकिन अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विश्वविदयालयों को शोध के केंद्र के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसलिए नेशनल रिसर्च फाउडेंशन का प्रावधान किया गया है जिससे वैश्विक रैकिंग में भारत की रैकिंग बढ़ेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बहुआयामी व्यक्तित्व के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। 
 
फिल्म निर्माण के क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' बनाने का संकल्प-आजादी के अमृत महोत्सव पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि कई नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने का को रोडमैप तैयार किया है। विश्वविद्यालय भोपाल के बिशनखेड़ी में नए परिसर में जा रहा है। इसके साथ एशिया का पहला मीडिया  विश्वविद्यालय आज इंडिया टुडे के साथ अन्य रैंकिंग में शामिल है। इंडिया टुडे की टॉप-10 रैकिंग में एमसीयू अकेला ऐसा विश्वविद्यालय है जो भारतीय भाषाओं में अध्ययन कराती है। 
 
इसके साथ फिल्म अध्ययन के एक बड़े केंद्र के रूप में माखनलाल यूनिवर्सिटी तैयार करने की ओर आगे बढ़ रहे है। यूनिवर्सिटी के फिल्म अध्ययन विभाग में फिल्म पत्रकारिता का पाठ्यक्रम शुरू कर दिया गया है। इस साल से चार साल का ग्रेजुएशन (बीएससी. सिनेमा स्टडीज) शुरु कर दिया गया है। इसके साथ फिल्म अध्ययन में ग्रेजुएशन, पोस्टर ग्रेजुएशन के साथ पीएचडी कराने वाला माखनलाल यूनिवर्सिटी एक अकेला विश्वविद्यालय बन गया है। 
 
हाल में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में मध्यप्रदेश को मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवॉर्ड दिया गया है। ऐसे में फिल्म फ्रेंडली स्टेट में फिल्म बनाने के लिए सिनेमाकर्मियों को तैयार करने का दायित्व माखनलाल यूनिवर्सिटी ने उठाया। जिससे फिल्म निर्माण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश आत्मनिर्भर हो और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प पूरा हो सके। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bihar Politics : फिसलती सत्ता को बचाने के लिए अमित शाह ने संभाली कमान, CM नीतीश से की फोन पर बात