Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आईना 2018 : भारतीय हॉकी के लिए निराशाजनक रहा वर्ष 2018

हमें फॉलो करें आईना 2018 : भारतीय हॉकी के लिए निराशाजनक रहा वर्ष 2018
, सोमवार, 24 दिसंबर 2018 (18:55 IST)
नई दिल्ली। वर्ष 2018 में 3 बड़े टूर्नामेंट हुए- राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और अपनी मेजबानी में विश्व कप। लेकिन भारतीय हॉकी टीम इस वर्ष को यादगार बनाने में नाकाम रही।
 
भारत को नवंबर-दिसंबर में ओडिशा के भुवनेश्वर में अपनी मेजबानी में हुए विश्व कप में 43 साल के लंबे अंतराल के बाद खिताब जीतने की उम्मीद थी लेकिन उसका सपना क्वार्टर फाइनल में हॉलैंड के हाथों हार के साथ टूट गया। भारतीय टीम ने क्वार्टर फाइनल में तमाम समर्थन के बावजूद उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया और उसे बाहर हो जाना पड़ा।
 
विश्व कप की हार के बाद टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने इसका ठीकरा अंपायरों के सिर मढ़ा। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने हरेंद्र के इस व्यवहार पर ही कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें जैसे चेतावनी दे डाली। एफआईएच ने साफ कर दिया कि वह अंपायर के फैसलों की समीक्षा नहीं करेगा।
 
भारत ने एकमात्र और आखिरी बार विश्व कप 1975 में जीता था और अपनी मेजबानी में उम्मीद थी कि टीम कम से कम सेमीफाइनल में पहुंचेगी। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया और इस टूर्नामेंट में चैंपियन बने बेल्जियम से 2-2 का ड्रॉ खेला। भारत ने फिर कनाडा को फिर 5-1 से पीटा और सीधे क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली, जहां उसे हॉलैंड से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा।
 
इससे पहले अगस्त में जकार्ता एशियाई खेलों में भारतीय हॉकी टीम सेमीफाइनल में मलेशिया से सडन डैथ में हारकर अपना खिताब गंवा बैठी और उसके हाथ से 2020 के टोकियो ओलंपिक के लिए सीधे क्वालीफाई करने का मौका निकल गया। भारत ने हालांकि पाकिस्तान को हराकर कांस्य पदक जीता लेकिन यह टीम को सांत्वना देने के लिए काफी नहीं था। भारत के पास इन एशियाई खेलों में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का शानदार मौका था लेकिन टीम इस मौके को गंवा बैठी।
 
भारत ने ग्रुप मैचों में इंडोनेशिया को 17-0, हांगकांग को रिकॉर्ड 26-0, बाद में स्वर्ण जीतने वाले जापान को 8-0, दक्षिण कोरिया को 5-3 और श्रीलंका को 20-0 से हराया। लेकिन गोलों की बरसात करने वाली भारतीय टीम सेमीफाइनल में मलेशिया से सडन डैथ में मात खा गई।
 
अप्रैल में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय पुरुष टीम को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से 2-3 से हारने के बाद कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। पुरुष टीम ने कांस्य पदक मुकाबले में इंग्लैंड को 2-1 से हराया। भारतीय महिला टीम राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक मुकाबलों में इंग्लैंड से 0-6 से हारी। हालांकि एशियाई खेलों में महिला टीम ने फाइनल में पहुंचकर रजत पदक हासिल किया। महिला टीम को फाइनल में जापान से हार का सामना करना पड़ा।
 
इन 3 बड़े टूर्नामेंटों को छोड़ दिया जाए तो भारत ने पाकिस्तान के साथ एशियन कप ट्रॉफी को साझा किया। मस्कट में बारिश के कारण फाइनल नहीं खेला जा सका और दोनों टीमें संयुक्त रूप से विजेता बनीं। भारत ने इस साल 6 देशों के सुल्तान अजलान कप में 5वां स्थान हासिल किया।
 
एशियाई कप में खिताब गंवाने का सबसे बड़ा नुकसान पूर्व कप्तान और स्टार मिडफील्डर सरदार सिंह को उठाना पड़ा जिन्होंने एशियाई खेलों के बाद अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया। सरदार ने हालांकि कहा कि वे 2020 के ओलंपिक में खेलना चाहते थे लेकिन वे संभवत: कोचों की रणनीति में फिट नहीं बैठ रहे थे इसी कारण उन्होंने संन्यास लेने का फैसला किया। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मेलबोर्न टेस्ट शास्त्री के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना, भारत की नंबर एक की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी