महाशिवरात्रि, शिवरात्रि, सावन सोमवार, प्रदोष व्रत के समय शिवजी का यह श्री श्री तारकेश्वर स्तोत्रम् का पाठ करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, सभी तीर्थों में स्नान का फल मिलता है, और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
।।श्री तारकेश्वर स्तोत्रम्।।
श्रीमत्त- मोहान्ध-विकर्त्तनाय
गौरी- मुखाम्भोज-विकाशनाय।
शुद्धायबुद्धायसनातनाय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥१॥
तापत्र्योन्मूलनकारकाय
दारिद्र्यदुःखौघविनाशकाय।
देवादिदेवायदयामयाय
श्रीतारकेशाय नमःशिवाय॥२॥
रक्तामलाम्भोज-सुपूजिताय
कस्तूरिकाचन्दन- चर्चिताय।
रुद्राक्षमालापरिशोभिताय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥३॥
केत्वादिदुष्टग्रहखण्डनाय
स्वभक्तहृत्पद्म-विमण्डनाय।
तुरीयतत्त्वायमहेश्वराय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥४॥
शान्तिस्वरूपायसुखप्रदाय
भूतायभव्यायभवान्तकाय।
चन्द्राहिभस्माङ्ग–विभूषिताय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥५॥
यमादिसेवापरवल्लभाय
त्रिलोचनायातिसुदुर्लभाय।
गंगाधरायाखिलवन्दिताय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय||६||
नगेन्द्रवासायपराबराय
गौरीश्वरायाखिलपालनाय।
देवायतस्मैपरमेश्वराय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥७॥
महेश्वरायामरसेविताय
मोहादिनाशायजटाधराय।
वोधस्वरूपायकृपामयाय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥८॥
शिवायशान्तायगुणाकराय
संसारसारायसुरेश्वराय।
त्रितापनाशायसदातनाय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥६॥
वारीन्द्रकन्येष्वरपूजिताय
ब्रह्मादिदेवेन्द्र-समर्चिताय
त्रैगुण्यरूपायसदाशिवाय
श्रीतारकेशायनमःशिवाय॥१०॥
यज्ञस्वरूपायमहेश्वराय
कल्याणरूपायकृपाकराय।
आविद्यकभ्रान्तिविभञ्जनाय
श्रीतारोशायनमःशिवाय।।११।।
स्तोत्रंश्रीतारकेशस्यरचितंभक्तिभावतः|
प्रीणातुदेवदेवेशोदीनदैन्यविनाशकः।।१२।।
इति श्री श्रीजगन्नाथाश्रमभगवत्पूज्यपाद-शिष्य-श्रीहृषीकेशाश्रमविरचितंश्रीतारकेश्वरस्तोत्रंसमाप्तम्