चंद्रयान-3 के बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने आदित्य एल-1 की सफल लॉन्चिंग की। भारत के वैज्ञानिकों का डंका विश्व में बज रहा है। इसी बीच Aditya L-1 मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को लेकर एक तथ्य सामने आया है। मिशन से जुड़े वैज्ञानिक कई दिनों तक परफ्यूम और स्प्रे से दूर रहे। द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स को परफ्यूम का यूज करने की अघोषित रूप से मनाही थी।
इसरो के अनुसार आदित्य-एल1 मिशन का मुख्य पेलोड (उपकरण) विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ (VELC) था। इसे भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान, बेंगलुरु की तरफ से डेवलप किया गया था।
इसी फैसिलिटी में कंपोनेंट-लेवल वाइब्रेशन डिटेक्टरों और ऑप्टिकल एलिमेंट्स को इंटीग्रेट करने के लिए एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था। इस इंटीग्रेशन के बाद, क्लीन रूम में से एक हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया, जहां टीम ने भविष्य के खोजकर्ताओं से मिलते-जुलते फुल-सूट रिहर्सल में, इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज और प्रदूषण फैलाने वाली चीजों को क्लीन रूम से दूर रखने का अभ्यास किया।
क्लीन रूम में परफ्यूम लगाकर आने पर पाबंदी थी और टीम के हर एक सदस्य को अल्ट्रासोनिक क्लीनिंग प्रोसेस से गुजरना पड़ता था।