Akshaya Tritiya 10 significance: वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया रहती है। इस बार 10 मई 2024 को यह पर्व रहेगा। इस दिन की खास 10 महत्वपूर्ण बातें है, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस दिन भगवान परशुराम जी की जयंती भी रहेगी।
अक्षय तृतीया महत्व: Akshaya Tritiya significance
1. पूरे वर्ष में साढ़े तीन अबूझ और सबसे शुभ मुहूर्त होते हैं। पहला चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, दूसरा विजया दशमी और तीसरा अक्षय तृतीया। आधा मुहूर्त कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को रहता है। विभिन्न मतांतर से देवप्रबोधिनी एकादशी को भी अबूझ और पवित्र मुहूर्त में शामिल किया जाता है। इसलिए अक्षय तृतीया का खास महत्व है।
2. अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान करने का बहुत बड़ा पुण्य माना गया है। पुराणों में इस स्नान करने का माहात्म्य बताया गया है। कहते हैं कि जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है, वह निश्चय रूप से सभी तरह के पापों से मुक्त हो जाता है।
3. इस दिन यदि किसी पवित्र नदी या तीर्थ स्थान पर पितरों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान या तर्पण करते हैं तो पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है।
4. इस दिन सोना, रुई, मिट्टी का घड़ा, पीतल तांबे के बर्तन, कौड़ियां, जौ या पीली सरसों और सेंधा नमक खरीदना शुभ माना गया है।
5. इसी तिथि को भगवान श्रीहरि विष्णु का परशुराम और हयग्रीव का अवतार हुआ था। त्रेतायुग का प्रांरभ भी इसी तिथि को हुआ था। इस दिन श्री बद्रीनाथ जी के पट खुलते हैं।
6. इस दिन श्राद्ध कर्म कर रहे हैं तो जौ, गेहूं, चने, सत्तू, दही-चावल, दूध से बने पदार्थ आदि सामग्री का दान करके किसी ब्राह्मण को भोजन कराना चाहिए।