भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान (IND vs PAK) को हराकर 19वें एशियाई खेलों (Asian Games) के पुरुष हॉकी स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारत ने पाकिस्तान को 10-2 से रौंद दिया। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम की मौजूदा टूर्नामेंट में यह लगातार चौथी जीत है।
भारत ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ इतने बड़े अंतर से जीत दर्ज की है।कप्तान हरमनप्रीत की हैट्रिक और आक्रामक खेल शैली की बदौलत भारत ने शनिवार को एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान को 10-2 से पीट कर सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है।
आज यहां पाकिस्तान के साथ पूल ए के मुकाबले में भारतीय टीम शुरुआत में ही आक्रामक अंदाज में दिखी। मनदीप सिंह ने 8वें मिनट में गोल दागकर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई। इसके बाद अभिषेक और मनदीप सिंह ने आपस में बेहतरीन तालमेल बनाया और मनदीपसिंह ने विपक्षी गोलकीपर को चकमा देते हुए शानदार गोल किया जबकि हरमनप्रीत सिंह ने 11वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में तब्दील कर भारत की बढ़त को 2-0 तक पहुंचा दिया। पहले क्वार्टर की समाप्ति तक भारत ने 2-0 से बढ़त बना ली।
दिलचस्प बात यह है कि ललित कुमार उपाध्याय भारत के लिए अपना 150वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे हैं। इस भारतीय फॉरवर्ड ने 2014 हॉकी विश्व कप में भारत के लिए डेब्यू किया था। 29 वर्षीय खिलाड़ी 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। वे टोक्यो 2020 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भी हैं।
भारतीय टीम अभी तक पूरी तरह से पाकिस्तान के ऊपर हावी दिख रही है। दूसरे क्वार्टर में ललित कुमार ने गोल करने का एक मौका बनाया, लेकिन उनका प्रयास साइड नेटिंग से टकराकर असफल हो गया।
दूसरे क्वार्टर के आखिरी लम्हों में सुमित ने गोलकर भारत को 4-0 से बढ़त दिलाई। इस तरह पहले हाफ की समाप्ति तक भारत ने एकतरफा अपनी बढ़त बरकरार रखी और पाकिस्तान टीम को एक भी गोल नहीं करने दिया।
तीसरे क्वार्टर की शुरुआत से ही भारत ने पजेशन अपने पास बनाए रखा और एक पेनल्टी स्ट्रोक हासिल कर लिया, जिसने हरमनप्रीत सिंह ने एक बार इसे गोल में तब्दील कर अपनी गोल की हैट्रिक पूरी की।
भारत ने इसके अगले ही मिनट में एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर स्कोर को 6-0 पहुंचा दिया। भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले में हरमनप्रीत सिंह का एक बार फिर दबदबा देखने को मिला।
पाकिस्तान टीम ने तीसरे क्वार्टर में एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर अपनी टीम का खाता खोला। पाकिस्तान के लिए यह गोल मुहम्मद सुफियान खान ने 38वें मिनट में किया। पाकिस्तान ने मैच में अपना तीसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन भारतीय डिफेंस के आगे वे उसे गोल में तब्दील करने में असफल रहे।
मुकाबले के 41वें मिनट में वरुण कुमार ने पाकिस्तानी डिफेंस को चकमा देकर फील्ड गोल किया। इस तरह भारत ने 7-1 से अपनी बढ़त बरकरार रखी। तीसरे क्वार्टर के आखिरी लम्हों में पाकिस्तान ने एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर अपने स्कोर में इजाफा किया। अब्दुल वहीद अशरफ राणा ने यह गोल किया।
चौथे और आखिरी क्वार्टर के शुरुआत में ही भारतीय खिलाड़ी शमशेर सिंह ने एक फील्ड गोलकर भारत की बढ़त को 8-2 तक पहुंचा दिया। शमशेर ने पाकिस्तान की डिफेंस को चकमा देकर यह गोल अपने नाम किया।
ललित कुमार उपाध्याय ने एक बेहतरीन पास को गोल में तब्दील कर अपना पहला गोल किया। ललित ने पाकिस्तान के गोलकीपर को चकमा देते हुए यह 49वें मिनट में गोल किया इसी के साथ ही भारत की बढ़त 9-2 हो गई। 53वें मिनट में वरुण ने मैच का अपना दूसरा और भारत का 10वां गोल दागा और भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 10-2 से हरा दिया।
भारतीय टीम ने अपने पूल के शानदार प्रदर्शन करते हुए अभी तक खेले गए सभी चारों मुकाबले जीते हैं। भारत का आखिरी पूल-ए मुकाबला बंगलादेश के साथ होगा।
स्कवॉश में भी जीता गोल्ड : अभय सिंह ने उतार चढ़ाव भरे मैच में गजब का संयम दिखाते हुए नूर जमां को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी फतह हासिल की जिससे शीर्ष वरीय भारत ने शनिवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष टीम स्क्वाश स्पर्धा में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को रोमांचक मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया।
टूर्नामेंट शुरु होने से पहले भारतीय पुरुष टीम के आठ साल बाद शीर्ष स्थान पर रहने की उम्मीद थी जिसमें उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती मलेशिया और पाकिस्तान की थी।
सौरव घोषाल की अगुआई वाली टीम इन दोनों प्रतिद्वंद्वियों की चुनौती से निपटकर सोना हासिल करने में सफल रही। पाकिस्तान के खिलाफ भारत को लीग चरण में इस चिर प्रतिद्वंद्वी से हार मिली थी।
जमां (113 रैंकिंग) ने लीग चरण के मैच में दुनिया के 69वें नंबर के खिलाड़ी अभय को हराया था और शनिवार को भी मैच में ज्यादातर हिस्से में यह पाकिस्तानी खिलाड़ी मुकाबले में भारी दिख रहा था।
एकल में नासिर इकबाल की जीत के बाद घोषाल स्कोर को 1-1 से बराबर करने में सफल रहे जिससे स्वर्ण पदक का फैसला अभय और जमां के बीच मुकाबले से होना था। दिन के नायक चेन्नई के अभय रहे जिन्होंने उतार चढ़ाव भरे निर्णायक मैच में गजब का संयम दिखाते हुए जमां को 3-2 से पराजित किया।
जमां चौथे गेम में 9-7 से और निर्णायक गेम में 10-8 से आगे चल रहे थे। लेकिन भारतीय खिलाड़ी अभय किसी तरह वापसी कर 64 मिनट तक मैराथन मुकाबले में 11-7, 9-11, 8-11, 11-9, 12-10 के स्कोर से यादगार जीत दर्ज की। इस जीत के बाद उन्होंने अपना रैकेट हवा में उछाल दिया।
अभय ने कहा, हमें तीन रात पहले भी जीत दर्ज करनी चाहिए थी क्योंकि हमारी टीम उनसे बेहतर थी। मैं आज की जीत से खुश हूं। जश्न मनाने का समय नहीं है क्योंकि कल हमारे मैच हैं।
भारत के सबसे ऊंची 19 रैंकिंग वाले खिलाड़ी घोषाल ने कहा, परिस्थितियों को देखते हुए यह निश्चित रूप से अभय के करियर की सबसे बड़ी जीत है।
अभय 2017 में पेशेवर बने थे और उनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते लेकिन शनिवार की इस जीत से इसमें काफी बदलाव आना चाहिए। मैच 2-2 की बराबरी के बाद यह साफ दिख रहा था कि उन्हें अपने साथी खिलाड़ियों से कोई सलाह नहीं चाहिए। पहले एशियाई खेलों में वह काफी आत्मविश्वास से भरे दिख रहे थे।
इससे पहले अनुभवी घोषाल ने मोहम्मद असीम खान पर 3-0 (11-5, 11-1, 11-3) की जीत से भारत को मुकाबले में वापसी करायी क्योंकि महेश मंगावंकर शुरुआती मैच में इकबाल नासिर से इसी अंतर (8-11, 2-11. 3-11) से हार गये थे।
भारत ने इस तरह लीग चरण में पाकिस्तान से मिली शिकस्त का बदला चुकता किया। भारत ने इंचियोन 2014 चरण में पुरुष टीम स्क्वाश स्वर्ण पदक जीता था जबकि पाकिस्तान ने पिछला स्वर्ण पदक ग्वांग्झू 2010 में जीता था।
घोषाल अपना छठा एशियाड खेल रहे हैं और अब उनका ध्यान व्यक्तिगत स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक जीतने का होगा। वह बुसान 2002 एशियाड से एकल में तीन कांस्य और एक रजत पदक जीत चुके हैं।