गुवाहाटी। राजनीतिक पार्टियों ने असम की 49.35 प्रतिशत की महिला आबादी को रिझाने की कोशिश की है लेकिन उन्होंने असम विधानसभा के 3 चरण के चुनाव के लिए केवल 74 महिला उम्मीदवारों को ही टिकट दिया है। विधानसभा के पिछले 2 चुनावों की तुलना में इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या कम है।
वर्ष 2016 का चुनाव 91 महिलाओं ने लड़ा था और 8 ने जीत हासिल की थी, जबकि 2011 में 85 महिलाएं चुनावी रण में उतरी थीं और 14 विधानसभा पहुंची थीं जो अब तक सबसे ज्यादा है। असम की 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 946 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें से 74 महिलाएं हैं जो कुल प्रत्याशियों का महज़ 14 फीसदी है।
खराब प्रतिनिधित्व के बावजूद भी, पहले चरण के चुनाव में बड़ी संख्या में महिलाओं ने मतदान केंद्र का रुख किया। 40,32,481 पंजीकृत महिला मतदाताओं में से 76.07 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया जबकि 40,77,210 पंजीकृत पुरुष मतदाताओं में से 75.79 प्रतिशत ने अपना वोट डाला था। वहीं तीसरे लिंग के 124 वोट थे जिनमें से 11.29 प्रतिशत ने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
दूसरे चरण के चुनाव में पंजीकृत 36,09,959 मतदाताओं में से 80.94 प्रतिशत ने वोट डाला था जबकि 37,34,537 पुरुष मतदाताओं में से 81 प्रतिशत ने और तीसरे लिंग के 135 मतदाताओं में से 5.9 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस ने नौ महिलाओं को टिकट दिया है जबकि उसके गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ, राष्ट्रीय जनता दल और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने एक-एक महिला उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा है।
इस विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने कुल 12 महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है जो 2016 के विधानसभा चुनाव से कम है जब कांग्रेस ने 16 महिलाओं पर भरोसा जताया था। इसी तरह से भाजपा ने सात महिलाओं को टिकट दिया है जो पिछले चुनावों की तुलना में एक ज्यादा है। उसके गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद ने दो महिलाओं को टिकट दिया है।
नव गठित असम जातीय परिषद (एजेपी) ने सात महिला उम्मीदवारों को उतारा है जबकि अन्य नव गठित पार्टी रायजोर दल ने एक महिला को टिकट दिया है। एजेपी और रायजोर दल के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
एसयूसीआई (सी) नाम की राजनीतिक पार्टी ने सबसे ज्यादा आठ महिलाओं को टिकट दिया है। इसके बाद वोटर्स इंटरनेशल पार्टी (वीपीआई) ने तीन और भारतीय गण परिषद ने दो महिलाओं को टिकट दिया है। वहीं 24 महिलाएं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं।(भाषा)