उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में टिकट की मांग को लेकर कई तरह के नजारे सामने आ रहे हैं। कोई टिकट न मिलने से नाराज होकर पार्टी को छोड़ रहा है तो किसी की पीड़ा आंखों के रास्ते आंसुओं के रूप में बाहर आ रही है। लेकिन, आगरा की फतेहाबाद सीट से सपा उम्मीदवार रूपाली दीक्षित इन सबसे अलग हैं, जिन्होंने मात्र 3 मिनट की मुलाकात में अपना टिकट पक्का कर लिया।
उच्च शिक्षित रूपाली को समाजवादी पार्टी ने आगरा जिले की फतेहाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया है, वह भी घोषित उम्मीदवार का टिकट काटकर। रूपाली पुणे के सिम्बॉयसिस इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन करने के बाद 2009 में विदेश चली गई थीं। इंग्लैंड के कार्डिफ विश्वविद्यालय से उन्होंने मार्केटिंग में एमबीए किया और यॉर्कशायर शहर से एमए किया। 34 वर्षीय रूपाली अविवाहित हैं। उनका कहना है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्होंने अभी तक विवाह नहीं किया।
इस तरह मिला टिकट : भारत आने से पहले रूपाली दुबई के एक बड़ी कंपनी में नौकरी करती थीं। पिता समेत परिवार के 4 सदस्यों के जेल जाने के बाद उन्हें भारत लौटना पड़ा। 2017 में वे भाजपा की सदस्य बनीं। उस समय चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी होने के कारण उन्हें काफी विरोध झेलना पड़ा।
2022 के चुनाव में उनकी किस्मत ने जोर मारा और वे सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गईं। रूपाली के मुताबिक अखिलेश ने उन्हें मिलने के लिए सिर्फ 3 मिनट का समय दिया था। लेकिन, मैंने उन्हें 3 मिनट ही कनविंस कर दिया कि वे इस टिकट के लिए सबसे काबिल उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश को 5 साल का प्लान बताया और यह भी बताया चुनाव जीतने के बाद वे क्षेत्र में क्या-क्या काम कर सकती हैं।
उन्होंने अपनी बातों में प्रमुखता से 3 बातों पर जोर दिया- शिक्षा, युवा और नई सोच। वे कहती हैं कि वे 'नई हवा, नई सपा' का अहम चेहरा हैं। हालांकि जब फतेहाबाद सीट के लिए रूपाली के नाम का ऐलान हुआ तो सबका चौंकना स्वाभाविक था क्योंकि इस सीट पर पहले राजेश शर्मा के नाम की घोषणा हो चुकी थी।
कितनी है संपत्ति : नामांकन के साथ दिए हलफनामे में रूपाली ने करीब 16 लाख रुपए की संपत्ति घोषित की है। उनके पास 15 लाख 98 हजार 969 रुपए की चल संपत्ति है। 100 ग्राम सोना और 87 हजार 522 रुपए नकद भी हैं। उन्होंने वर्ष 2021-22 में 5 लाख 66 हजार 910 रुपए इनकम टैक्स के रूप में जमा किए हैं।
कौन हैं अशोक दीक्षित : आगरा के बाहुबली अशोक दीक्षित इन दिनों बरेली केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। अशोक दीक्षित को अदालत ने वर्ष 2007 में फिरोजाबाद के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण यादव के भाई सुमन यादव की बीच चौराहे पर गोली मारकर हत्या के मामले में दोषी ठहराया था और 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में रूपाली के परिवार के 3 और लोग जेल में सजा काट रहे हैं। (फोटो : सोशल मीडिया)