उत्तर प्रदेश के रास्ते ही केन्द्र की सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। यूपी में सत्ता के महासंग्राम की शुरुआत हो चुकी है। जीत-हार का निर्णय करने वाला मतदाता फिलहाल मौन है। इसी बीच, वेबदुनिया ने अयोध्या के साधु-संतों के मन की बात जानने की कोशिश की तो अयोध्या के संतों-महंतों ने एक सुर में कहा कि यूपी में योगी के नेतृत्व में ही फिर से भाजपा की सरकार बनेगी।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन का मुख्य केंद्र बिंदु रहा अयोध्या का दिगंबर अखाड़ा वह स्थान है, जहाँ से श्रीराम जन्मभूमि न्यास के प्रथम अध्यक्ष महंत रामचंद्र परमहंस रहे। इनके बाद इस स्थान के उत्तराधिकारी महंत सुरेश दास ने वेबदुनिया को बताया कि गोरखनाथ पीठ और अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा का तीन पीढ़ियों का संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि योगी जी अयोध्या से चुनाव लड़ने वाले थे, जिस पर हमसे चर्चा भी हुई थी। हमने कहा कि आप कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे जीत जाएंगे, लेकिन अयोध्या से लड़ेंगे तो कुछ और बात होगी।
महंत सुरेश दास जी ने कहा कि अगर योगी जी अयोध्या से चुनाव लड़ते तो अयोध्या व आसपास के सीमावर्ती जनपदों को भी जबरदस्त प्रभावित करता, लेकिन गोरखपुर तो उनका गढ़ है। जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते कुछ सीटें चाहें निकल जाएं, लेकिन यूपी में भाजपा की ही सरकार बनेगी और योगी जी ही मुख्यमंत्री फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।
अयोध्या के गोपाला मंदिर रामघाट के महंत जगतगुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी हमारे संत समाज के लिए गौरव हैं। उन्होंने अयोध्या को अग्रणी भूमिका में रखा। अयोध्या के समुचित विकास पर बहुत ज्यादा जोर दिया है। उन्होंने कहा कि योगी जी के अयोध्या से चुनाव लड़ने से अयोध्या कि पांचों विधानसभा सीधे तौर पर प्रभावित होतीं और एक ऊर्जा का केंद्र अयोध्या बनता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सीटें सीटें कितनी आएंगी, इसका विवेचन व निर्धारण राजनीतिक पंडित ही अच्छी तरह से कर सकेंगे। हम तो इतना ही कहेंगे कि योगी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे और भाजपा कि सरकार बनेगी।
अयोध्या के सीता राजमहल के महंत श्याम बिहारी दास ने कहा कि निश्चित रूप से अगर अयोध्या विधानसभा से योगी जी चुनाव लड़ते तो उसका बड़ा ही व्यापक प्रभाव पड़ता और आसपास की सभी सीटें पर असर पड़ता किन्तु उनके यहां न लड़ने से कुछ दिक्कतों का सामना जरूर करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण विश्व की निगाहें इस सीट पर लगी हैं। अयोध्या विधानसभा सीट पर ही काफी संघर्ष करना पद सकता हैं, जिसका प्रमुख कारण है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि का सक्रिय न होना। उन्होंने कहा कि सरकार भाजपा की ही बनेगी व योगी फिर मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन हो सकता हैं इस बार भाजपा की सीटें कम हो जाएं।