नए साल में केले के पौधे को रोज पानी डालें तथा घी का दीपक लगाएं। घर में नीले-स्लेटी रंग का प्रयोग करें। सफेद आक का पौधा घर में लगाकर उसकी सेवा करें। छोटी मिट्टी की हंडिया में शहद भरकर श्मशान में रखें। पीपल की छोटी सूखी हुई लकड़ी की कील दरवाजे के बीच में ठोंक दें जमीन पर।
शनिवार को जूता-छतरी दान करें। भैरव मंदिर में शनिवार-रविवार को तेल का दीपक लगाकर भैरव के 108 नाम का स्तोत्र पाठ करें। शनिवार का व्रत एवं शनि चालीसा का पाठ करें। बंदरों की सेवा करें। नीले, आसमानी, स्लेटी रंग के वस्त्र पहनें। मद्यपान नहीं करें। नीलम धारण करें। इसके अभाव में लाजावर्त धारण करें।
मंत्र- 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' का जप करें।
'ॐ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौं:'। लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जपें।
बुजुर्गों की सेवा करें। किसी मजार पर गुरुवार को गुलाब का फूल संध्या के उपरांत चढ़ाते रहें।
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