मकर राशि के जातक उदार तथा दूसरों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। प्राय: संकोची होते हैं। स्वयं को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेते हैं। परिश्रमी होते हैं लेकिन मनचाहा परिणाम मिलने में समय लगता है।
मकर राशि वाले न अधिक लंबे, न ही ठिगने होते हैं। सुंदरता लिए हुए कुछ सांवलापन भी हो सकता है। इनके जीवन में शनि का सबसे अधिक प्रभाव रहता है। शनि की उच्च या स्वस्थिति उत्तम रहती है। ये तेल, लोहा, सीमेंट आदि के कार्य में सफल होते हैं।
मकर राशि : साढ़ेसाती का प्रभाव भरपूर होने के बाद भी शुभता रहेगी। व्यवसाय- व्यापार-कारोबार में वृद्धि होगी। सभी बाधाएं दूर होंगी। मेहनत का फल भरपूर मिलेगा। नई नीतियां बनेंगी। योजना लागू समय पर होंगी। आय तथा प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। पार्टनरशिप सफल रहेगी। पुरानी समस्याओं से निजात मिलेगी। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे।
धन-संपत्ति- स्थायी संपत्ति की योजना फलीभूत होगी। वित्तीय व्यवस्था समय पर होगी। देनदारी कम होगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। व्यापार से अधिक लाभ होगा। किसी भी अनुबंध को करने में लापरवाही न करें। पारिवारिक आय बढ़ेगी। धन संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी।
घर-परिवार- घर में छोटे-मोटे मांगलिक कार्य होते रहेंगे। दूर के रिश्तेदारों के मांगलिक कार्यों में बार-बार शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा। व्यय बढ़ेगा। संतान पक्ष के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। माता-पिता का ध्यान रखना होगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा।
स्वास्थ्य- इस वर्ष उदर विकार, हृदय विकार, डायबिटीज तथा जोड़ों के दर्द व जकड़न की आशंका बनती है। शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ होगा। कार्यकुशलता में कमी हो सकती है। योग, व्यायाम तथा उचित आहार का सेवन करें।
परीक्षा-प्रतियोगिता-करियर- यह वर्ष उपलब्धियों से भरा रहेगा। एकाग्रता तथा परिश्रम का भरपूर फल प्राप्त होगा। उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की योजना तथा मनपसंद स्थान प्राप्त करने के प्रयास सफल रहेंगे। अपने से आगे किसी को नहीं पाएंगे।
यात्रा-प्रवास-तबादला- नौकरी में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं। स्थान तथा कार्य परिवर्तन भी हो सकता है। वह भी लाभकारी रहेगा। कुछ यात्राएं बेकार हो सकती हैं। वर्ष के मध्य में क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखना होगा। विवेक का प्रयोग करें। अनुकूलता रहेगी।
धार्मिक कार्य- तीर्थयात्राएं होंगी। संतों का साथ तथा सत्संग का लाभ मिलता रहेगा। घर में छोटे-मोटे आयोजनों पर व्यय होगा। अध्यात्म में रुचि रहेगी। नियमित पूजा-पाठ कर पाएंगे। ईष्टदेव की कृपा प्राप्त होगी।
कल्याणकारी उपाय- शनि मंत्र स्तोत्र के पाठ-जप तथा हनुमानजी का पूजन-अर्चन, सुंदरकांड का पाठ कष्टों में कमी करेगा। मछलियों को दाना डालें। गरीब विद्यार्थियों की सहायता करें।