Saturn transit 2025: वर्ष 2025 में 29 मार्च को शनि ग्रह का सबसे बड़ा राशि परिवर्तन खुद की राशि कुंभ से निकलकर बृहस्पति की राशि में मीन में होने जा रहा है। बृहस्पति ग्रह सुख देने वाला ग्रह है जबकि शनि ग्रह दुख देने वाला। शनि ग्रह जब मीन में जाएंगे तब चांदी का पाया धारण करेंगे। ऐसे में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर से शनि की ढैया समाप्त हो जाएगी। मकर राशि पर से साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाएगी। कुभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का तीसरा चरण प्रारम्भ होगा। मीन राशि पर दूसरा चरण चलेगा। सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी। इस दौरान 5 राशियों को बचकर रहना होगा और 3 अचूक उपाय करना होंगे। इस दौरान धन हानि और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन राशियों के जातकों को सलाह दी जाती है कि वे धैर्य रखें, नियमित रूप से शनि देव की पूजा करें और अपने कर्मों में सतर्कता बरतें, जिससे शनि के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सके।
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1. मेष राशि: शनि के मीन राशि में प्रवेश के साथ ही मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। इस दौरान आर्थिक, शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यदि आपने अपने कर्म अच्छे रखे और शनि के मंदे कार्यों से दूरी बनाकर रखी तो शनि आपको लाभ देगा। हालांकि गुरु पूरे वर्ष आपका सहयोग करेगा लेकिन शर्त यह है कि आप गुरु जैसा चरित्र बनाकर रखें।
3. धनु राशि: 29 मार्च 2025 से शनि आपके तीसरे भाव से निकलकर चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे। इसके चलते शनि की ढैया प्रारंभ हो जाएगी। इस दौरान आपको शनि के मंदे कार्यों से दूर रहना होगा। गृह कलह और किस भी तरह के विवाद से बचकर रहना उचित रहेगा।
4. कुंभ राशि: शनि के मीन राशि में जाने से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का तीसरा और अंतिम चरण शुरू होगा। हालांकि शनि के कुंभ में रहते आपको ज्यादा परेशानी नहीं उठाना पड़ी होगी परंतु अब अंतिम चरण में लाभ या हानि आपके कर्मफल पर निर्भर करती है। यदि अच्छे कर्म नहीं किए होंगे तो इस दौरान जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन बीच-बीच में शनि की कृपा से स्थिति में सुधार भी होगा।
शनि के 3 अचूक उपाय:
1. मंगलवार के दिन हनुमानजी को चोला अर्पित करें और गुड़, चना और मसूर की दाल का दान करें।
2. शनिवार के दिन शनिदेव को छाया दान करें और दिव्यांगों को भोजन कराएं।
3. गुरुवार के दिन गुरु का दान करें और गुरुवार का उपवास करें।