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Shani gochar 2025: सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि का बृहस्पति की मीन राशि में होगा गोचर, 3 राशियों के लिए है अशुभ

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हमें फॉलो करें Shani gochar 2025:  सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि का बृहस्पति की मीन राशि में होगा गोचर, 3 राशियों के लिए है अशुभ

WD Feature Desk

, मंगलवार, 21 जनवरी 2025 (12:04 IST)
solar eclipse effects on zodiac signs 2025: 14 मार्च को सूर्य कुंभ से निकलकर मीन राशि में गोचर करने लगेंगे और 29 मार्च 2025 को शनि ग्रह खुद की कुंभ राशि से निकलकर बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेगा। यानी सूर्य और शनि एक ही राशि में रहेंगे और यह भी संयोग है कि 29 मार्च को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भी होगा। इस खगोलीय संयोग का कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है। 3 राशियों के जातकों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि में विशेष सतर्कता बरतें, नियमित रूप से शनि से संबंधित उपाय करें और अपने स्वास्थ्य व आर्थिक मामलों पर ध्यान दें।ALSO READ: वर्ष 2025 में मेष, कर्क, सिंह, कुंभ, धनु और मीन राशि पर शनि का प्रभाव, करें लाल किताब के मात्र 5 उपाय
 
1. मेष राशि: सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि ग्रह के मीन राशि में प्रवेश के साथ ही मेष राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू होगी। इस अवधि में आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में बाधाएं आ सकती हैं। सतर्क रहना आवश्यक है। ग्रहण का प्रभाव आपके बारहवें भाव में होगा, जिससे खर्चों में वृद्धि और मानसिक तनाव संभव है। ध्यान और योग के माध्यम से मानसिक शांति प्राप्त करें।
 
2. कुंभ राशि: सूर्य ग्रहण के दिन ही शनि के राशि परिवर्तन से कुंभ राशि वालों को भी सतर्क रहना चाहिए। अचानक कामों में रुकावटें, सेहत में गिरावट और धन हानि की संभावनाएं हैं। अपने कार्यों में सावधानी बरतें। द्वितीय भाव में ग्रहण का प्रभाव आर्थिक मामलों में चुनौतियां और परिवार में मतभेद ला सकता है। वाणी में संयम रखें और खर्चों पर नियंत्रण करें।ALSO READ: शनि की ढैय्या का प्रभाव: वर्ष 2025 में 2 राशि वालों की चमकेगी किस्मत तथा 2 राशि वालों को करना पड़ेगा परेशानी का सामना
 
3. मीन राशि: सूर्य ग्रहण वाले दिन शनि का मीन राशि में गोचर इस राशि के जातकों के लिए चुनौतियां ला सकता है। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें, आर्थिक समस्याएं और व्यक्तिगत जीवन में तनाव संभव है। ध्यानपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है। प्रथम भाव में ग्रहण होने से आत्मविश्वास में कमी और शारीरिक स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव संभव है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और आत्ममंथन करें।

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