Guru Pushya Nakshatra 2021 : चंद्रमा का राशि के चौथे, आठवें एवं बारहवें भाव में उपस्थित होना अशुभ माना जाता है। परंतु इस पुष्य नक्षत्र के कारण अशुभ घड़ी भी शुभ घड़ी में परिवर्तित हो जाती है। ग्रहों की विपरीत दशा से बावजूद भी यह योग बेहद शक्तिशाली है, परंतु एक श्राप के चलते इस योग में विवाह नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव में आकर सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं। मान्यता अनुसार इस दौरान की गई खरीदारी अक्षय रहेगी। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता है। इस शुभदायी दिन पर महालक्ष्मी की साधना करने, पीपल या शमी के पेड़ की पूजा करने से उसका विशेष व मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र समय : 28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को गुरु पुष्य नक्षत्र का योग सुबह 09:41 से प्रारंभ होकर दूसरे दिन 29 अक्टूबर, शुक्रवार की सुबह 11:38 तक रहेगा।
शुभ योग ( Shubh Yoga )
- सर्वार्थसिद्धि योग।
- अमृतसिद्ध योग।
- रवियोग।
शुभ मुहुर्त ( Shubh Muhurat )
- अमृत काल मुहूर्त : प्रात: 07:02 से 08:48 तक रहेगा।
- अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:42 से दोहपर 12:26 तक रहेगा।
- निशिता मुहूर्त : प्रात: 11:16 से दूसरे दिन दोपहर 12:07 तक रहेगा
- विजयी मुहूर्त : दोपहर 01:34 से 02:19 तक रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:09 से 05:33 तक रहेगा।
- सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 05:20 से 06:36 तक रहेगा।
क्या खरीदें : सोना, चांदी, वाहन, ज्वेलरी, मकान, प्लैट, दुकान, कपड़े, बर्तन, श्रृंगार की वस्तुएं, स्टेशनरी, मशीनरी और बहीखाते।
इस दिन क्या करें : शिल्पकला और चित्रकला की पढ़ाई प्रारंभ करना, मंदिर निर्माण और घर निर्माण प्रारंभ करना, उपनयन संस्कार के बाद विद्याभ्यास करना, दुकान खोलना, नया व्यापार करना, निवेश आदि करना शुभ है।