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होली पर 3 अशुभ योग, रखें 3 सावधानियां और जानें कब खेलें होली

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हमें फॉलो करें होली पर 3 अशुभ योग, रखें 3 सावधानियां और जानें कब खेलें होली

WD Feature Desk

, मंगलवार, 11 मार्च 2025 (16:55 IST)
13 मार्च 2025 को होलिका दहन के दिन भद्राकाल रात्रि 11 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ही होली जला सकते हैं। इसके बाद दूसरे दिन होली रहेगी। इस दिन तीन अशुभ योग बन रहे हैं। पहला 14 मार्च 2025 शुक्रवार को शाम 06:58 बजे सूर्यदेव बृहस्पति की मीन राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के मीन में गोचर को मीन संक्रांति कहते हैं। संक्रांति काल को शुभ नहीं माना जाता है। दूसरा सूर्य के मीन राशि में जाने से ही खरमास यानी मलमास प्रारंभ हो जाएंगे और तीसरा इस दिन सुबह 10:41 से यह प्रभावी माना जाएगा और इसका समापन दोपहर 02:18 बजे तक चंद्र ग्रहण का प्रभाव रहेगा। यानी यह तीन अशुभ योग बन रहे हैं- मीन संक्रांति, खरमास और चंद्र ग्रहण। इसी के साथ ही तिथि का मतभेद भी है।
 
पूर्णिमा तिथि के बाद खेलते हैं होली:-
- होलिका दहन पूर्णिमा की रात को होता है जबकि होली पूर्णिमा तिथि के बाद प्रतिपदा को खेली जाती है।
- दिल्ली समय के अनुसार 13 मार्च को सुबह 10:35 पर पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी और अगले दिन यानी 14 मार्च को दोपहर 12:23 पर यह तिथि समाप्त -होगी।
- कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 14 मार्च को दोपहर बाद प्रतिपदा तिथि मान कर होली खेल लेना चाहिए और कुछ का मानना है कि उदयातिथि यानी 15 मार्च को होली मनाना चाहिए।
 
उपरोक्त के मान से रखें 3 सावधानियां:-
1.नशा न करें: होली का समय 3 अशुभ योग के साथ ही उग्र ग्रहों के साये में है इसलिए तामसिक भोजन और अत्यधिक नशा न करें। अपने मन और मस्तिष्क को काबू में रखें अन्यथा होनी अनहोनी होने में देर नहीं लगती है। होली खेलें लेकिन पूरे होश में खेलें। अधि‍क नशा करना आपके स्वास्थ्य को तो प्रभावित करता ही है, कई बार अनहोनी घटनाओं का कारण भी बनता है। होली सुरक्षि‍त तरीके से खेलें।
 
2.हुड़दंग से दूर रहें: मस्ती में कई बार लड़ाई-झगड़े भी हो जाते हैं, लेकिन यह भाईचारे का पर्व है भूलें नहीं। आपसी भाईचारा बनाए रखें और मिलजुलकर खूबसूरत रंगों के साथ होली से लेकर पंचमी तक त्योहार मनाएं। हालांकि यह तब और भी जरूरी हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण और संक्रांति काल हो। ऐसे समय मन ज्यादा व्यग्र और बैचेन रहता है। इसलिए ध्यान रखें।
 
3.शुभ कार्य: इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ या मांगलिक कार्य न करें। इस दौरान विशेष रूप से नवीन गृह निर्माण कार्य, गृह प्रवेश तथा किसी भी नए कार्यों को आरंभ नहीं करना चाहिए। किसी भी कार्य को करते वक्त सावधानी रखें।

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