Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद बन रहे हैं ये दुर्लभ शुभ संयोग और 3 राजयोग

Advertiesment
हमें फॉलो करें अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद बन रहे हैं ये दुर्लभ शुभ संयोग और 3 राजयोग
, गुरुवार, 21 अप्रैल 2022 (12:21 IST)
Akshaya tritiya Shubh Sanyog 2022 : 3 मई 2022 मंगलवार को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। साढ़े तीन मुहूर्त में यह एक अबूझ मुहूर्त है। यानी की इस पूरे दिन ही शुभ मुहूर्त रहेगा। इसी के साथ इस दिन 50 वर्ष बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी है और शुभ योग भी बन रहा है। आओ जानते हैं।
 
 
आखा तीज के शुभ योग (Akshaya tritiya Yog 2022): 3 मई 2022 दिन मंगलवार को वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है जो अगले दिन 03:17 AM तक रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में रवि योग और शोभन योग रहेगा। इस दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा। यानी की पूरे दिन ही शुभ मुहूर्त रहेगा। इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी कहते हैं।
 
दुर्लंभ ग्रह संयोग 3 राजयोग (Akshaya tritiya Durlabh Grah Yog Rajyog 2022): 
 
1. मंगल रोहिणी युति : अक्षय तृतीया मंगलवार को है और इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इस संयोग के कारण दुर्लभ मंगल रोहिणी योग में शोभन योग बन रहा है। अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, तैतिल करण और वृषभ राशि के चंद्रमा के साथ आ रही है।
 
2. पचास वर्ष बाद उच्च और स्वराशि में ग्रह : 50 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बनेगा जब 2 ग्रह उच्च राशि में और 2 प्रमुख ग्रह स्वराशि में स्थित होंगे। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। वहीं इस दिन सूर्य भी अपनी उच्च राशि में स्थित रहेंगे। दूसरी ओर शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। इस दिन 5 ग्रहों की अनुकूल स्थिति में होना इस दिन को और भी खास बनाता है।
 
3. तीन राजयोग : शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य राजयोग, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग और शनि के अपने घर में विद्यमान होने से शश राजयोग बन रहा है। यह राजयोग की स्थिति है। इस दिन जन्म लेने वाले बालक का भविष्य उज्जवल होगा।
 
4. अक्षय तृतीया पर इन ग्रहों के योग से बने अद्भुत संयोग में दान, पुण्य करना और किसी भी प्रकार का मंगल कार्य करना बहुत ही पुण्यकारी होगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

वैशाख अमावस्या और वैशाख पूर्णिमा कब है?