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शनि का राशि परिवर्तन: इस गोचर के साथ ही धनु राशि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला की ढैया होगी समाप्त

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, बुधवार, 20 अप्रैल 2022 (14:16 IST)
Saturn transit in Aquarius
29 April 2022 Saturn change zodiac : 29 अप्रैल को शनि ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करने लगेगा। इसके बाद वह वक्री होकर पुन: मकर में और बाद में पुन: कुंभ में गोचर करने लगेगा। शनि की ये उल्टी चाल जनवरी 2023 तक रहेगी। आओ जानते हैं कि शनि के इस गोचर के कारण क्या परिवर्तन होंगे।
 
 
ढैय्या और साढ़ेसाती : शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है। वक्री और मार्गी होने की वजह से इस समय में परिवर्तन में हो सकता है। साढ़े साती यानी साढ़े 7 वर्ष की कालावधि। जब कुंडली में जन्म राशि अर्थात चंद्र राशि से 12वें स्थान पर शनि का गोचर प्रारंभ होता है तो इसी समय से जीवन में साढ़ेसाती का आरंभ होता है। क्योंकि शनि एक राशि में ढाई वर्ष तक स्थित रहता है इसलिए 3 भावों को कुल मिलाकर 7.5 वर्षों के समय अंतराल में पूर्ण करता है इसी कारण शनि के इस विशेष गोचर को साढ़ेसाती कहा जाता है।
 
1. मीन राशि पर लगेगी साढ़ेसाती : शनि के कुंभ राशि में जाने से ढैया और साढ़ेसाती दोनों में बदलावा होगा। 29 अप्रैल को शनि के कुंभ राशि में आने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी और धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। मकर में शनि का गोचर था तो अब वह कुंभ में गोचर करेगा।
 
2. कर्क और वृश्चिक पर लगेगी ढैया : 29 अप्रैल से पहले तक शनि मकर राशि में रहेगा। तब तक मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढैय्या रहेगा। 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में आएगा। इस वजह से कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि का ढैय्या शुरू होगा। शनि के ढैय्या की वजह से इन राशियों को कड़ी मेहनत करनी होगी, तभी सफलता मिल पाएगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। गलत कामों से बचें।
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Shani in kumnha 2022
3. मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती 2022 : 29 अप्रैल 2022 से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस राशि पर साढ़ेसाती 17 अप्रैल 2030 तक रहेगी। साढ़ेसाती का प्रथम चरण मीन राशि वालों के लिए भारी रहेगा। इस लिए उन्हें सावधान रहने की जरूरत है। 
 
4. धनु को मिलेगी साढ़ेसाती से मुक्ति : शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी। आपके लिए शनि का मिलाजुला असर रहेगा।
 
5. मकर पर से होगा शनि का असर खत्म : मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। शनि पिछले वर्ष से ही मकर राशि ( Capricorn ) में गोचर कर रहे हैं। इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। ऐसे में इस रा‍शि के जातकों को बहुत ही सावधानी और सतर्कता से रहना होगा। क्योंकि शनि के प्रकोप के कारण धन-संपत्ति, परिवार से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती है। किसी के द्वारा धोखा मिल सकता है या आपके सारे कार्य असफल हो सकते हैं। मतलब किये कराए पर पानी फिर सकता है। 
 
6. कुंभ को रहना होगा सतर्क: कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी। हालांकि वर्तमान में आप पर गुरु की कृपा होने के कारण आपके लिए शनि देव का उतना असर नहीं होगा जितना की अन्य राशियों पर माना जा रहा है। आपके कर्म अच्‍छे हैं तो शनि आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
 
1. धनु- अंतिम चरण (सामान्यत: शुभ)
2. मकर- मध्यम चरण (सामान्यत: मध्यम)
3. कुंभ- प्रथम चरण (सामान्यत: अशुभ)
4. मीन- प्रथम चरण (सामान्यत: अशुभ)
 
नोट : मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण, कुंभ राशि पर दूसरा और मकर राशि पर आखिरी चरण प्रारंभ होगा।
 

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