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अच्छा भाग्य और अपार धन की चाहत है तो फाल्गुन अमावस्या पर करें ये 10 चमत्कारिक उपाय

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amavasya Remedies
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के बाद आने वाली फाल्गुन अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। कृष्ण पक्ष की इस अमावस्या को बड़ी अमावस्या, स्नान दान अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन समस्त सुखों की प्राप्ति के लिए कुछ खास उपाय किए जाते हैं। 
 
इस बार फाल्गुन कृष्ण अमावस्या 23 फरवरी 2020, रविवार को मनाई जा रही है। इस दिन का भारतीय जनजीवन में अत्यधिक महत्व हैं। इस दिन नदी स्नान और तीर्थक्षेत्र में स्नान-दान का विशेष महत्व है। अक्सर यह भी कहा जाता है कि पितृ दोष निवारण के लिए अमावस्या पर पूजा करने का विशेष महत्व है। लेकिन अमावस्या पर क्या किया जाए और कैसे किया जाए यह स्पष्ट रूप से कोई नहीं बताता।
 

यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है फाल्गुन अमावस्या के दिन किए जाने आले विशेष अचूक उपाय- 
 
1. इस दिन शिवालय में जाकर भगवान शिव का कच्चे दूध, दही से अभिषेक कर उन्हें काले तिले अर्पित करने का विशेष महत्व है। 
 
2. अमावस्या के दिन अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, थोड़ा गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल तथा पुष्प अर्पित करें और 'ॐ पितृभ्य: नम:' मंत्र का जाप करें। पीपल की 7 परिक्रमा लगाएं।
 
3. अमावस्या के दिन दक्षिणाभिमुख होकर दिवंगत पितरों के लिए पितृ तर्पण करना चाहिए। 
 
4. पितृस्तोत्र अथवा पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए। यह पाठ शुभ फल प्रदान करता है। 
 
5. अमावस्या और रविवार के दिन सूर्य देव को ताम्र बर्तन में लाल चंदन, गंगा जल और शुद्ध जल मिलाकर 'ॐ पितृभ्य: नम:' का बीज मंत्र पढ़ते हुए 3 बार अर्घ्य देना चाहिए।
 
6. अमावस्या का दिन शनि देव का दिन भी माना जाता है। इसलिए शनि मंदिर में जाकर शनि की पूजा करके उन्हें नीले पुष्प, काले तिल, काले साबुत उड़द, काजल, काला कपड़ा और कड़वा तेल अर्पित करें।
 
7. शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन नीलकंठ स्तोत्र का पाठ, पंचमी तिथि को सर्पसूक्त पाठ, पूर्णमासी के दिन श्री नारायण कवच का पाठ करने के बाद ब्राह्मणों को अपनी सामर्थ्य के अनुसार पितृ की पसंदीदा मिठाई तथा दक्षिणा सहितभोजन कराना चाहिए। इससे पितृ दोष में कमी आती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।  
 
8. इसके साथ ही भगवान श्री हरि विष्णु के मंदिर पीले रंग की ध्वजा अर्पित करना चाहिए, इससे आपके सारे कष्ट दूर होंगे तथा जीवन में सबकुछ शुभ घटित होगा। 
 
9. इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगा कर अपने पितरों को स्मरण करें। 
 
10. फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों के श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए तथा पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व पुराणों में नामा गया है।
 
यह अमावस्या सुख-सौभाग्य और धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है। उपरोक्त उपायों से पितृ दोष तथा ग्रह दोष का बुरा प्रभाव समाप्त होता है तथा परिवार में सुख और शांति का आगमन होता है। अत: इस दिन यह उपाय अवश्य किए जाने चाहिए।

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