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आखिर नरेंद्र मोदी कब तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे, क्या कहते हैं उनके तारे सितारे?

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WD Feature Desk

, सोमवार, 7 अप्रैल 2025 (16:49 IST)
Narendra modi kundli chart: अधिकतर ज्योतिष यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि देश में ऐसे हालात निर्मित होंगे कि नरेंद्र मोदी को अपना पद त्यागना पड़ेगा। ऐसा भी माना जा रहा है कि अगले वर्ष सितंबर में मोदीजी कंपलिट 75 वर्ष के हो जाएंगे। ऐसे में उन्हीं के बनाए गए नियम के अनुसार उन्हें रिटायर्ड होना पड़ेगा तब वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी को सत्ता सौंपकर खुद मार्गदर्शक मंडल में रहेंगे। हालांकि क्या यह सच है?ALSO READ: नरेंद्र मोदी की क्‍या साल 2026 में जाएगी सत्‍ता?
 
मोदी की कुंडली का विश्लेषण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म मेहसाणा जिला के वडनगर ग्राम में 17 सितंबर 1950 को दोपहर 12:09 बजे हुआ था। इंटरनेट से प्राप्त जन्म समय के अनुसार पीएम मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है और उनकी राशि भी वृश्चिक है। सूर्य राशि कन्या और पाश्चात्य राशि भी कन्या है। वृश्चिक लग्न कुंडली के लग्न में मंगल और चंद्र बैठे हैं। मंगल और चंद्र की युति को महालक्ष्मी योग कहते हैं। इसी के साथ ही लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रूचक' नामक पंच महापुरुष राजयोग बना है। चंद्र मंगल की युति वाला जातक नेता, वकील, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त करता है। जन्म कुंडली में लग्नेश मंगल नवमेश चंद्रमा के साथ स्थित हैं इसलिए जैसे ही पीएम मोदी की कुंडली में चन्द्रमा की दशा आरंभ हुई, उसके बाद राजनीति में उनकी ताकत बढ़ती गई।
 
चतुर्थ भाव: चतुर्थ भाव में गुरु शनि की कुंभ राशि में विराजमान है। चतुर्थ भाव में गुरु उच्च का होता है जो लोगों के बीच जातक को लोकप्रिय बनाता है।
 
पंचम भाव: पंचम भाव मीन राशि में राहु बैठा है। इसी के कारण मोदी को संतान सुख नहीं मिला। गुरु के प्रभाव के कारण मोदी का विवाह तो हुआ किंतु सप्तमेश के शत्रुक्षेत्री होने व शनि के साथ युति कारक होने से उन्हें दांपत्य सुख प्राप्त नहीं हुआ। पंचमेश गुरु के अपने ही भाव पंचम से द्वादश चतुर्थ में स्थित होने एवं पंचम भाव में राहु के स्थित होने से उन्हें संतान सुख का अभाव रहा।
 
दशम भाव: दशम भाव सिंह राशि में शुक्र और शनि की युति है जिसकी दृष्‍टि चतुर्थ भाव पर है। शुक्र शनि की युति अगर दशम भाव में होती है तो ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि उनकी जीवनशैली राजाओं के समान होती है। जनता का कारक होकर चतुर्थेश शनि दशम भाव में स्थित है एवं शनि की पूर्ण दृष्टि अपने ही भाव पर है। चतुर्थेश की चतुर्थ भाव पर दृष्टि उन्हें जन-लोकप्रिय नेता बना रही है।
 
एकादश भाव: एकादश भाव कन्या राशि में केतु, सूर्य और बुध की युति है। सुख और संपत्ति के भाव एकादश में सूर्य बुध की युति से बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। 
 
कुंडली के भाव: मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युति कारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है। इसके साथ ही 'महालक्ष्मी योग' का भी सृजन हुआ है। मोदी की कुंडली में कार्यक्षेत्र का अधिपति सूर्य लाभ भाव में अपने मित्र बुध के साथ स्थित होकर 'बुधादित्य' नामक राजयोग बना रहा है। मोदी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र शत्रुक्षेत्री होकर शनि के साथ युति कारक है एवं इस युति पर गुरु की पूर्ण दृष्टि है। 
 
मोदी का मंगल स्ट्रांग: लग्न में मंगल और वृश्चिक राशि भी मंगल है। स्वराशि का मंगल होने के साथ ही मंगल का रूचक राजयोग बन रहा है। मंगल छठे एवं प्रथम भाव का स्वामी होकर लग्न में स्थित हैं, इसलिए मोदी के शत्रु मोदी से कभी जीत नहीं पाएं।
 
वर्तमान में पीएम मोदी की कुंडली में मंगल की महादशा चल रह है जो 29 नवम्बर 2021 से प्रारंभ होकर 29 नवम्बर 2028 तक रहेगी। यानी वर्ष 2028 तक उन्हें कोई हटा नहीं सकता। इससे उनकी और भारत की ताकत और सम्मान पूरी दुनिया में और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। गुरु की अंतर्दशा होने से दुनिया के सभी नेता मोदी को अपना नेता मानेंगे और दशम भाव में शुक्र के होने से चुनौतियां तो बहुत मिलेंगी परंतु गुरु के कारण उन सबसे पार पा लेंगे। 
 
वर्तमान में उनकी जन्म कुंडली में मंगल की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है। इन दोनों ग्रहों के शुभ प्रभाव से 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनकर पद पर बने रहेंगे लेकिन माना जा रहा है कि 2026 तक मोदी जी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। 07/12/027 के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति में बदलाव होना प्रारंभ होगा और इसके बाद 2028 तक उनका पद पर बने रहना मुश्‍किल हो जाएगा। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer): उपर्युक्त विश्लेषण मोदी की उपलब्ध जन्म पत्रिका के आधार पर दिया गया है। हम प्राप्त जन्म पत्रिका की प्रामाणिकता का दावा नहीं करते हैं। चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
 

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