ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र पुष्य होता है, जिसे नक्षत्रों का राजा माना गया है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं जो चिरस्थायित्व प्रदान करते हैं और इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं जिसका कारक सोना है। दूसरी ओर इस नक्षत्र के चार चरण कर्क राशि में स्थित होते हैं जिसके कारण यह नक्षत्र कर्क राशि तथा इसके स्वामी ग्रह चंद्रमा के प्रभाव में भी आता है। यही कारण है कि इस दिन शनि के अनुसार वाहन, बृहस्पति के अनुसार सोना और चंद्र के अनुसार चांदी खरीदना शुभ और स्थायी माना जाता है।
इस बार पुष्य नक्षत्र 21 अक्टूबर सोमवार की शाम से प्रारंभ होकर 22 अक्टूबर मंगलवार की शाम तक रहेगा। मतलब यह कि सोम पुष्य और भौम पुष्य दो पुष्य नक्षत्र होंगे। इस दिन सिद्धा और साध्य योग होने से दोनों ही दिनों का महत्व और बढ़ जाता है।
सोम पुष्य में सोने व चांदी की खरीदारी और निवेश लाभकारी माना गया है। इस दिन सोना या चांदी खरीदना शुभ फलदायक होता है। इस दिन पुस्तक, बहीखाते व धार्मिक वस्तुएं भी खरीद सकते हैं। वहीं, मंगल को भूमि और कृषि का कारक ग्रह माना गया है, इस वजह से मंगल पुष्य पर वाहन, मकान, प्लॉट या कृषि भूमि, सजावट की वस्तुएं, सोफा आदि खरीदारी करना शुभ रहेगा।
इसी दिन खरीदा गया सोना या चांदी अक्षय सिद्ध होगा और हर तरफ से उससे व्यक्ति लाभ ही प्राप्त करेगा। कई बार यह देखा गया है कि मुश्किल वक्त में व्यक्ति को अपना सोना या चांदी को बेचना होता है, लेकिन पुष्य नक्षत्र के विशेष मुहूर्त और सिद्ध योग में खरीदा गया सोना या चांदी अक्षय होता है। मतलब यह कि वह स्थायी होता है।