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बसंत पंचमी पर करते हैं ये 5 कार्य, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

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WD Feature Desk

Basant panchami ke upay: हर साल बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। रोमन कैलेंडर के अनुसार इस बार बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी 2024 बुधवार के दिन है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ ही कलम दवात की पूजा भी करते हैं। इसी दिन तक्षक पूजा भी होगी और कामदेव पूजा भी होगी। आओ जानते हैं पांच खास कार्य और पूजा का शुभ मुहूर्त।
 
बसंत पंचमी तिथि 2024 :
  • पंचमी तिथि प्रारम्भ- 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02:41 से प्रारंभ।
  • पंचमी तिथि समाप्त- 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12:09 तक।
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वसन्त पंचमी पूजा के शुभ मुहूर्त-
  • वसन्त पंचमी सरस्वती पूजा मुहूर्त- 14 फरवरी 2024 बुधवार के दिन सुबह 07:01 से दोपहर 12:35 के बीच।
  • अमृत काल मुहूर्त : सुबह 08:30 से सुबह 09:59 तक।
  • गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:08 से 06:33 तक।
  • रवि योग : सुबह 10:43 से अगले दिन सुबह 07:00 तक।
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वसंत पंचमी पर करें 5 खास कार्य:-
1. सरस्वती पूजा : इस दिन विद्या, बुद्धि, वाणी और ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करें। स्कूलों और गुरुकुलों में सरस्वती और वेद पूजन किया जाता है। सरस्वती पूजा से जहां राहु के दोष शांति हो जाते हैं वहीं शिक्षा, करियर और नौकरी में लाभ मिलता है।
 
2. किताब पेन का दान : पूजा के बाद ग्रंथ, किताब, कलम और दवात की पूजा भी करें। संगीतकार अपने वाद्ययंत्रों का पूजन करते हैं। इसके बाद कुछ लोगों को क्षमता अनुसार किताब और पेन का दान करें।
 
3. प्रेम दिवस : वसंत पंचमी को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए इस दिवस को भारत का वैलेंटाइन डे भी कहते हैं। वसंत पंचमी से बसंत ऋतु का प्रारंभ होता है। वसंत ऋतु को प्रेम की ऋतु कहा गया है। 
 
4. शिक्षा प्रारंभ : इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है। नव बालक-बालिका इस दिन से विद्या का आरंभ करते हैं। बच्चों की कुशाग्र बुद्धि के लिए उन्हें इस दिन से ब्राह्मी, मेघावटी, शंखपुष्पी देना आरंभ करें। 
 
5. पारंपारिक वस्त्र : इस दिन पहनावा भी परंपरागत होता है। पुरुष कुर्ता-पाजामा में और स्त्रियां पीले या वासंती रंग की साड़ी पहनती हैं।

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